नई दिल्ली (New Delhi)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) ने रविवार को शिवसेना (Shiv Sena)में हुई बगावत (rebellion)पर खुलकर बात की। उन्होंने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)पर बाल ठाकरे की विचारधारा(thinking) से भटकने के भी आरोप लगाए। शिंदे समेत कई विधायकों ने जून-जुलाई 2022 में तब अविभाजित शिवसेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद उद्धव को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
सीएम शिंदे ने दावा किया कि उन्होंने इसलिए बगावत की क्योंकि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया। नागपुर के रामटेक में शिवसेना कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे लेकिन बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता होते देख उन्हें विद्रोह करना पड़ा।
जून 2022 में उद्धव से अलग हुए थे शिंदे
शिंदे जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग हो गए थे और उन्होंने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई। मुख्यमंत्री ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘बालासाहेब ठाकरे हमें (पार्टी पदाधिकारियों को) दोस्त मानते थे लेकिन वह (उद्धव) हमें घरेलू नौकर समझने लगे।
एमवीए के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं
उन्होंने कहा कि एक पार्टी तब आगे बढ़ती है जब नेता घर पर बैठने के बजाय जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचते हैं। नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोगों से सत्तारूढ़ गठबंधन को वोट देने की अपील करते हुए शिंदे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है।
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