ग्वालियर । ग्वालियर संसदीय सीट पर (On Gwalior Parliamentary Seat) विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों के बीच (Between the Candidates who Lost the Assembly Elections) जंग होगी (There will be a Fight) । मध्य प्रदेश की ग्वालियर संसदीय सीट की पहचान सिंधिया राज परिवार के गढ़ के तौर पर है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जो अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार चुके हैं।
ग्वालियर से भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भारत सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें विवेक नारायण शेजवलकर के स्थान पर मैदान में उतारा गया है। कुशवाहा अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में ग्वालियर ग्रामीण से पराजित हुए थे। वहीं, कांग्रेस ने प्रवीण पाठक को उम्मीदवार बनाया है जो विधानसभा चुनाव में ग्वालियर दक्षिण से पराजित हुए थे। दोनों उम्मीदवार पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के इतिहास पर गौर करें तो अब तक यहां कुल 19 लोकसभा के चुनाव हुए हैं जिनमें से सिंधिया परिवार के सदस्यों ने आठ बार जीत दर्ज की है। यहां से माधवराव सिंधिया कांग्रेस और मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर पांच बार निर्वाचित हुए जबकि भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर यशोधरा राजे सिंधिया दो बार यहां से निर्वाचित हुईं। इसके अलावा विजयाराजे सिंधिया भी एक बार यहां से चुनाव जीती हैं। यहां 19 बार हुए चुनाव में कांग्रेस आठ बार विजयी रही है।
इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस ने अंतिम बार 2004 में जीत दर्ज की थी जब रामसेवक सिंह निर्वाचित हुए थे। सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के आरोप में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इस बार कांग्रेस ने नए चेहरे को मैदान में उतारा है। भाजपा की ओर से भी नया चेहरा है। राज्य में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं और यहां चार चरणों में चुनाव होने वाले हैं। ग्वालियर में तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा।
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