नई दिल्ली (New Delhi)। बीते दिनों कांग्रेस पार्टी (congress party)ने तमाम वादों के साथ चुनावी घोषणा पत्र (election manifesto)जारी किया। 48 पन्नों के घोषणापत्र में कांग्रेस (Congress in manifesto)ने 5 न्याय, 25 गारंटी और 300 से ज्यादा वादे किए। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बीजेपी की वॉशिंग मशीन से भी तुलना की है। ऐसा दावा किया कि भ्रष्टाचार में घिरा जो भी बीजेपी में जाता है, बीजेपी की वॉशिंग मशीन में उस पर सभी आरोप हट जाते हैं। कांग्रेस के घोषणापत्र पर अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तीखा हमला बोला है। सरमा ने कहा कि कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र भारत नहीं पाकिस्तान में चुनाव के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के आरोपों पर कांग्रेस के जवाब में कहा कि सरमा जैसे दलबदलू व्यक्ति सबसे पुरानी पार्टी के धर्मनिरपेक्ष और समावेशी लोकाचार को नहीं समझ पाएंगे। कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि उनके घोषणापत्र का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करना है।
सीएम हिमंत ने ऐसा क्यों कहा
हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के घोषणापत्र की निंदा करते हुए दावा किया कि इसका लक्ष्य सत्ता में आने के लिए समाज को विभाजित करना है। उन्होंने जोरहाट निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह तुष्टीकरण की राजनीति है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। घोषणापत्र ऐसा लगता है जैसे यह भारत के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान के चुनाव के लिए है।’’
कांग्रेस का जवाब
मुख्यमंत्री सरमा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की असम इकाई के प्रवक्ता बेदब्रत बोरा ने कहा कि शर्मा जैसे दलबदलू सबसे पुरानी पार्टी के धर्मनिरपेक्ष और समावेशी लोकाचार को नहीं समझ पाएंगे। बोरा ने कहा, “सरमा कई वर्षों तक कांग्रेस में रहे, लेकिन वह पार्टी के मुख्य लोकाचार को नहीं समझ सके। इसलिए वह भाजपा में चले गए। पिछले कुछ समय से भाजपा में रहने के बाद भी, वह अब भी भगवा दल के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के लिए कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।’
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