इंदौर। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में किसानों की निराशा साफ झलक रही है। एक ओर तो सरकार के 125 रुपए बोनस की राशि का उल्लेख सोसायटियों पर खरीदी में नहीं हो रहा है। जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय किए, 20 से 25 दिन हो गए हैं उन्हें राशि का इंतजार है। साथ ही बड़ी संख्या में खराब क्वालिटी का अमानक गेहूं बताकर किसानों को माल वापसी की जा रही है। इन्हीं कारणों से किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
इस बार गेहूं की फसल को अनुकूल मौसम नहीं मिलने से क्वालिटी पर इसका सीधा असर पड़ा। गेहूं का दाना पतला और कालापन आया। इसी कारण समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी को लेकर किसान और सोसायटी कर्मचारियों में विवाद की स्थिति रोजाना बनती है। संयुक्त किसान मोर्चा के बबलू जाधव ने बताया कि इस बार फसल की क्वालिटी नहीं बन पाई है। किसान जैसा गेहूं उत्पादन हुआ है वही खरीदी केंद्र पर बेचने आ रहे हैं।
किसान मोर्चा के पदाधिकारी का कहना है कि हजारों क्विंटल गेहूं देपालपुर की सोसायटियों में खराब क्वालिटी का बताकर किसानों को वापस किया जा रहा है। बरलाई के किसानों का कहना है कि 20 से 25 दिन पहले समर्थन मूल्य गेहूं की तुलाई कर दी गई थी, लेकिन अभी तक पेमेंट खाते में नहीं मिला है, जिसके कारण खेती-किसानी के आगे के कार्य रुक गए हैं।
बोनस की घोषणा किसानों का संशय
2018 विधानसभा चुनाव के समय मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूं पर बोनस की घोषणा की थी। उस राशि का आज तक किसानों को इंतजार बना हुआ है। इस बार समर्थन मूल्य 2275 रुपए पर गेहूं की खरीदी की जा रही है। प्रदेश सरकार की ओर से 125 रुपए के बोनस की घोषणा की गई, लेकिन बोनस राशि उन्हें मिलेगी या नहीं इस पर संशय बना हुआ है। मोथला के किसान मेहरबान सिंह का कहना है कि सरकार को सोसायटी में आदेश जारी कर स्थिति को साफ करना चाहिए और पुराना बकाया बोनस भी जारी किया जाए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved