255 एलिवेटर और एस्केलेटर स्थापित होंगे मेट्रो स्टेशनों पर
इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट को तेजी से अमल में लाया जा रहा है। इसके लिए संबंधित ठेकेदार फर्मों को काम भी सौंपे जा रहे हैं। पिछले दिनों फेयर कलेक्शन सिस्टम सहित ड्राइंग, डिजाइन, सिक्युरिटी और अन्य कार्यों से जुड़े टेंडरों को मंजूरी दी गई। इसी तरह मेट्रो स्टेशनों पर एलिवेटर और एस्केलेटर स्थापित किए जाना है। उसके लिए दुनिया की जानी-मानी कंपनी ओटिस इंडिया को इसका ठेका दिया गया है, जो कि इन्दौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए लगभग 255 एलिवेटर और एस्केलेटर लगाएगी और इनका निर्माण अपने बैंगलुरु स्थित कारखाने में ही करेगी। अभी गांधीनगर स्टेशन और प्रायरिटी कॉरिडोर में यह एलिवेटर और एस्केलेटर लगाए भी गए हैं और आने वाले दिनों में जैसे-जैसे मेट्रो स्टेशन तैयार होंगे, वहां पर इनकी स्थापना होती रहेगी।
कई बड़ी इमारतों में भी ओटिस की लिफ्ट और शापिंग मालों में एलिवेटर और एस्केलेटर और एयरपोर्ट पर बोविंग वाकवेज इसी कंपनी द्वारा लगाए गए हैं। यह दुनिया की जानी-मानी कंपनी ओटिस वल्र्ड वाइड कार्पोरेशन है, जिसकी सहायक कंपनी ने इन्दौर और भोपाल के मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए एलिवेटर और एस्केलेटर इस्टालेशन का ठेका हासिल किया है। वर्टिकल ट्रांसर्पोटेशन के लिए यह कम्पनी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, मेट्रो सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर काम कर चुकी है। मैक इन इंडिया के चलते कंपनी ने बैंगलुरु में ही अपना प्लांट डाल रखा है, जहां पर यह एलिवेटर और एस्केलेटर तैयार किए जा रहे हैं। 200 से अधिक देशों के साथ-साथ तमाम क्षेत्रों में यह कंपनी काम करती है। दूसरी तरफ इन्दौर मेट्रो के पहले चरण का काम तेजी से चल रहा है। गांधीनगर से लेकर सुपर कारिडोर, एमआर10, विजयनगर, रेडिसन, रोबोट चौराहे तक काम की गति अच्छी है, वहीं रोबोट से बंगाली, पलासिया, चौराहे होते हुए टीआई मॉल के आगे तक एलिवेटेड कारिडोर का ठेका भी दिया जा चुका है और अब मध्य क्षेत्र में अंडरग्राउंड कॉरिडोर की टेंडरिंग प्रक्रिया चल रही है। साढ़े पांच किलोमीटर के प्रायरिटी कॉरिडोर में स्टेशन निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण काम हो चुके हैं, जहां एलिवेटर और एस्केलेटर का इस्टालेशन भी ट्रायल रन के लिए किया गया था। पिछले दिनों अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए साइल टेस्टिंग सहित अन्य तकनीकी परीक्षण भी पूरे हो चुके हैं।
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