इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (President) के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (President Asif Ali Zardari) ने गुरुवार को कहा कि देश में विभिन्न परियोजनाओं (Various projects) पर कार्यरत चीनी नागरिकों की सुरक्षा (Security of Chinese citizens) के लिए सभी उपाय करेगा। दरअसल, चीनी राजदूत जियांग जैदोंग (Chinese Ambassador Jiang Zedong) ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी की। मुलाकात का विषय पिछले सप्ताह खैबर-पखतूनख्वा में हुए आत्मघाती हमले में पांच चीनी नागरिकों की मौत पर केंद्रित था।
आपसी हितों के मुद्दों पर भी हुई चर्चा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति और चीनी राजदूत ने आतंकवाद के खतरे पर काबू पाने के लिए आतंकवाद विरोधी सहयोग और खूफिया जानकारी साझा करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए आपसी हितों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ने चीनी दूत को आश्वस्त किया कि पाकिस्तान में विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे है हमारे चीनी भाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे।
चीनी प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान का किया था दौरा
इसके अलावा, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय के बाहरी सुरक्षा विभाग के महानिदेशक बाई तियान के नेतृत्व में एक सुरक्षा प्रतिनिधिमंडल ने हमले के बाद पाकिस्तान का दौरा किया। यात्रा का उद्देश्य चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर विचारों का आदान-प्रदान करना और आतंकवाद विरोधी क्षेत्र में हमारे मौजूदा सहयोग को और गहरा करना था। बैठकें विदेश मंत्रालय, आंतरिक मंत्रालय और हमारे कानून प्रवर्तन अधिकारियों दोनों के साथ काफी महत्वपूर्ण रहीं। चीनी जलविद्युत परियोजनाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था हालांकि, सुरक्षा ऑडिट और सुरक्षा उपायों के बाद परियोजनाओं को शुरू कर दिया गया है। बलूच ने यह भी कहा कि पाकिस्तान बेशम में हुए आतंकवादी हमले की जांच के विभिन्न पहलुओं को पूरा करने की प्रक्रिया में है और पूरी जानकारी के बाद इसे मीडिया के साथ साझा करेगा।
हमले की किसी भी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी
बता दें, चीनी नागरिकों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी अब तक किसी भी संगठन ने नहीं ली है। हालांकि, खैबर-पख्तूनख्वा आतंकवाद-रोधी विभाग ने हमले के लिए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान, पाकिस्तान को जिम्मेदार माना है। गौरतलब है कि 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तत्वावधान में हजारों चीनी पाकिस्तान की कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।
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