इंदौर। लोकसभा चुनाव में 85 वर्ष से अधिक आयु तथा दिव्यांग मतदाताओं को विधानसभा चुनाव की तरह घर पर मतदान की सुविधा का लाभ देने के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन करने के लिए छूट दी गई है, लेकिन उक्त प्रारूप अभी तक आयोग द्वारा प्रकाशित करवाकर सभी जिला निर्वाचन कार्यालय को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ही नहीं कराए गए हैं। अधिकांश जिलों से दल उक्त प्रारूप के लिए दो बार भोपाल जाकर खाली हाथ लौट आए हैं। अब अधिकारी असमंजस में हैं कि लोगों की मांग कैसे पूरी की जाए। 7 चरणों में मतदान की प्रक्रिया को संपन्न कराने के आयोग की घोषणाओं के बाद सभी जिले अपने-अपने क्षेत्र की चुनाव व्यवस्था में लग गए हैं। लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, लेकिन 12 डी आवेदन अब तक नहीं छप पाए हंै। इसके चलते इस बार घर बैठे मतदान करने की सुविधा में भी लेटलतीफी हो सकती है।
अब तक 12 डी फॉर्म ही नहीं आए हैं, जिसके कारण कई जिलों के दल बार-बार भोपाल के चक्कर लगाकर खाली हाथ लौट आए हैं। ज्ञात हो कि आयोग ने घर बैठे मतदान करने की सुविधा लेने वाले वर्ग की उम्र बढ़ा दी है। अब 80 साल की जगह 85 साल तक के बुजुर्गों को ही इस सुविधा का लाभ मिलेगा। शुरू के 4 चरणों में मध्यप्रदेश में होगा मतदान लोकसभा चुनाव के लिए घोषित किए गए सात चरणों में से शुरू के चार चरणों में ही मध्यप्रदेश में चुनाव होंगे।19 अप्रैल, 26 अप्रैल को पहले और दूसरे चरण में मतदान कराया जाएगा, वहीं 7 व 13 को तीसरे और चौथे चरण का मतदान होगा, जिसमें मध्यप्रदेश के सभी जिलों में चुनाव संपन्न होंगे, लेकिन अब तक 12 डी की प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण मतदाता असमंजस में है और अपने-अपने जिले के चुनाव अधिकारियों से जाकर फॉर्म की मांग भी कर रहे हैं। अन्य जिलों में नौकरी करने वाले परेशान उक्त सुविधा से इस बार आयोग ने पत्रकारों को भी जोडऩे की तैयारी करते हुए उन्हें डाक मतपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। पत्रकारों को डाक मतपत्र के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना है, किंतु अभी तक प्रारूप ही नहीं मिल पाया है। कई लोग इंदौर में काम करने वाले अन्य जिलों के मतदाता हैं। पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा, लेकिन अभी तक 12 डी फॉर्म ही नहीं भर पाए हैं।
नियमों की जानकारी ही नहीं
इंदौर जिले के जिम्मेदारों को पत्रकारों को दी जाने वाली इस सुविधा के नियमों की सही जानकारी नहीं है। उनके अनुसार अधिमान्य पत्रकारों को ही इस सुविधा का लाभ मिलेगा। सभी पत्रकारों को डाकमत पत्र जारी नहीं होंगे, जबकि आयोग ने अपने निर्देश में स्पष्ट कहा है कि आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान कवरेज के लिए आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले प्राधिकार पत्रधारक पत्रकारों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। प्राधिकार पत्र को निर्वाचन कार्यालय और जनसंपर्क कार्यालय अधिमान्यता से जोड़कर नए नियम दर्शाता नजर आ रहा है। पत्रकारों को इस सुविधा के लाभ के लिए जिला कार्यालय से जनसंपर्क के माध्यम से जारी होने वाले प्राधिकार पत्र की आवश्यकता होगी, किंतु अभी तक किसी भी चरण में होने वाले मतदान के लिए आयोग एवं जिला कार्यालय द्वारा प्राधिकार पत्र तैयार ही नहीं किए गए हैं, जबकि आचार संहिता से पूर्व ही जनसंपर्क के माध्यम से संस्थान से पत्रकारों के नाम एवं फोटो लेकर जानकारी एकत्रित कर ली गई थी।
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