महानिरीक्षक पंजीयन ने की पुष्टि, आयोग से मिली अनुमति, सम्पदा पोर्टल पर भी नई दरों को कर दिया विभाग ने अपलोड
इंदौर। चुनाव आयोग (election Commission) से कल शाम पंजीयन विभाग से नई गाइडलाइन (Guide Line) को अमल में लाने की मंजूरी मिल गई। नतीजतन आज से इंदौर सहित प्रदेशभर में इस वित्त वर्ष की प्रस्तावित गाइडलाइन लागू हो जाएगी। महानिरीक्षक पंजीयन एम. सेलवन ने अग्रिबाण को बताया कि आज से नई गाइडलाइन लागू हो गई है। उल्लेखनीय है कि इंदौर में लगभग 2400 क्षेत्रों में गाइडलाइन बढ़ाने की मंजूरी केन्द्रीय मूल्यांकन समिति ने दी थी, जिसके चलते अब इन क्षेत्रों में रजिस्ट्री करवाने पर अधिक स्टाम्प ड्यूटी चुकाना पड़ेगी। सम्पदा पोर्टल पर भी नई गाइडलाइन अपलोड कर दी गई है। अभी समाप्त हुए वित्त वर्ष में पंजीयन विभाग को 2400 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिला है। आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए 1 अप्रैल से नई गाइडलाइन लागू नहीं हो पाई थी।
रीयल इस्टेट कारोबार में चल रही तेजी का यह असर हुआ कि इंदौर में जहां पौने 2 लाख से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन हुआ वहीं महिलाओं के नाम पर भी खूब रजिस्ट्रियां हुईं, जिसमें 94 करोड़ रुपए की छूट भी दी गई। वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा ने बताया कि अभी समाप्त हुए वित्त वर्ष पौने 2 लाख से अधिक रजिस्ट्रियों के जरिए पंजीयन विभाग ने 2415 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है। 34300 रजिस्ट्रियां महिलाओं के नाम पर हुई है, जिनमें 2 प्रतिशत की छूट का लाभ मिला और 5 हजार करोड़ की सम्पत्ति की मालकीन महिलाएं बनी। दूसरी तरफ 1 अप्रैल से प्रस्तावित गाइडलाइन इसलिए लागू नहीं हो पाई क्योंकि महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय ने चुनावी आचार संहिता के चलते आयोग से अनुमति लेना पड़ी, जो कल शाम उसे प्राप्त भी हो गई। नतीजतन आज 3 अप्रैल से नई गाइडलाइन लागू हो गई और अब रजिस्ट्री कराने वालों को 2400 से अधिक क्षेत्रों में बढ़ी हुई गाइडलाइन के चलते अधिक स्टाम्प ड्यूटी चुकाना पड़ेगी। ई-सम्पदा पोर्टल पर भी प्रस्तावित गाइडलाइन अपलोड कर दी गई है। हालांकि अभी एक-दो दिन थोड़ी समस्या रहेगी, क्योंकि रजिस्ट्री कराने वालों को भी कितनी अधिक स्टाम्प ड्यूटी चुकाना है उसकी जानकारी नहीं मिल पाएगी। वैसे भी वित्त वर्ष की समाप्ति के अंतिम दिनों में बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां करवाई गई, क्योंकि सभी को भय था कि 1 अप्रैल से अधिक दर चुकाना पड़ेगी। यहां तक कि रंगपंचमी के दिन भी बड़ी संख्या में लोग रजिस्ट्री कराने पहुंचे और मार्च के महीने में सरकारी अवकाश के दिनों में भी पंजीयन विभाग ने रजिस्ट्रियां की। सिर्फ धुलेंडी के दिन ही अवकाश रखा गया। यहां तक कि अंतिम दिनों में स्लॉटों की संख्या भी बढ़ाई गई।
एक ही सबसे बड़ी रजिस्ट्री से मिले 15 करोड़
इंदौर के साथ-साथ उज्जैन, धार, रतलाम सहित आसपास के जिलों में भी अचल सम्पत्तियों के कारोबार में तेजी आई। सुपर कॉरिडोर, उज्जैन रोड पर सबसे अधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं, तो वहीं एक सबसे महंगी रजिस्ट्री, जो कि एशियन पेंट ने करवाई उसके एवज में 15 करोड़ रुपए की राशि स्टाम्प ड्यूटी के रूप में पंजीयन विभाग को मिली है। इस व्यवसायिक जमीन की कीमत 148 करोड़ रुपए है, जो कि एमपीआईडीसी ने अलॉट की है। वहीं दूसरी तरफ शहर के कुछ बड़े कारोबारी, जिनमें मॉल व्यवसायी, होटल व्यवसायी और कोयले के कारोबार से जुड़े लोगों ने भी जमीनों के बड़े सौदे किए। प्राधिकरण की ही योजना 140 में विशाल कमर्शियल भूखंड 85 करोड़ रुपए से अधिक में खरीदा गया और इसकी भी रजिस्ट्री के एवज में 8 करोड़ रुपए से ज्यादा की स्टाम्प ड्यूटी पंजीयन विभाग को मिली। इसी तरह सुपर कॉरिडोर पर ही योजना 151 में प्राधिकरण के 25 करोड़ रुपए या इससे अधिक कीमत के भूखंड भी बिके, तो कुमेर्डी में एक अधूरी पड़ी होटल का सौदा भी 45 करोड़ में हुआ और इसकी भी रजिस्ट्री से लगभग 5 करोड़ रुपए की स्टाम्प ड्यूटी पंजीयन विभाग ने हासिल की।
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