नई दिल्ली (New Delhi)। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)पर चीन की नई हिमाकत की भारत सरकार (Indian government)ने कड़े शब्दों में निंदा (Condemnation)की है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 जगहों के नामकरण किए(named after) हैं। प्रदेश के दर्रों, पहाड़ों, नदियों और स्थानों को चाइनीज नाम दिया गया है। चीन के इस दुस्साहस पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चीन द्वारा किए गए निराधार दावों से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा, “मैं अरुणाचल प्रदेश के अंदर 30 स्थानों को चीन द्वारा अवैध रूप से दिए गए नामों की कड़ी निंदा करता हूं। चीन सभी निराधार दावे करता रहा है लेकिन इससे जमीनी हकीकत और ‘ऐतिहासिक तथ्य’ नहीं बदलेंगे।”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखा, “अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न अंग है, और अरुणाचल प्रदेश के लोग सभी मानकों और परिभाषाओं के अनुसार सर्वोच्च देशभक्त भारतीय हैं।” इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी चीन के अरुणाचल प्रदेश में नए नामों की निंदा की और बीजिंग के इस ऐक्शन को हास्यास्पद बताया। साथ ही केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वे चीन को उसी की भाषा में माकूल जवाब दें।
एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए जिसमें चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों का नाम बदलने का उल्लेख किया गया था, कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि जब चीन इस तरह के उकसावे का सहारा लेता है, तो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कच्चाथिवू पर झूठी कहानी बनाकर बचने की कोशिश करते हैं।
पीएम मोदी ने सोमवार को कच्चाथिवू द्वीप मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और डीएमके पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ”संवेदनहीनता” दिखाकर द्वीप दूसरे देश को दे दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए “कुछ नहीं” किया है।
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