1. चुनावी राहत: कमर्शियल सिलेंडर के दाम कम हुए, जानिए नई कीमतें
लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) के लिए मतदान के चरणों की शुरुआत से पहले आम लोगों को आज से बड़ा तोहफा मिला है. सरकारी तेल व गैस विपणन कंपनियों ने आज 1 अप्रैल से एलपीजी सिलेंडरों (lpg cylinders) के दाम में कटौती करने की घोषणा की है. इससे लोगों को राहत मिलने और महंगाई में नरमी आने की उम्मीद की जा रही है. सरकारी तेल कंपनियों के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आज से देश के विभिन्न शहरों में एलपीजी सिलेंडरों के दाम में 30.50 रुपये तक की कटौती की गई है. हालांकि इस कटौती का लाभ सिर्फ 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडरों पर मिलेगा. घरेलू इस्तेमाल वाले एलपीजी सिलेंडरों के दाम में इस बार कोई बदलाव नहीं हुआ है. ताजी कटौती के बाद दिल्ली में 19 किलो वाले सिलेंडर के दाम कम होकर 1,764.50 रुपये हो गए हैं. इसी तरह कोलकाता में आज से कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 1,879 रुपये में मिलेंगे. मुंबई के लोगों को इस बड़े सिलेंडर के लिए अब 1,717.50 रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि चेन्नई में इनकी कीमतें अब 1,930 रुपये होंगी.
2. 1 अप्रैल से नए नियम लागू, EPFO से LPG तक हुए बदलाव आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
आज यानी 1 अप्रैल से नए वित्तवर्ष (new financial year)की शुरुआत हो गई है। एक अप्रैल (April 1st)से बहुत सारे नियमों में बदलाव (change in rules)हुए हैं, जो आपकी जेब पर बड़ा प्रभाव (great impact)डालेंगे। एलपीजी के रेट से लेकर वाहनों के दाम पर भी आज से असर दिखेगा। क्योंकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में घोषित अधिकांश नए टैक्स रूल्स भी इसी दिन प्रभावी होते हैं। आइए जानें आज से क्या-क्या बदल रहा है… आज से कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम 32 रुपये तक कम हो गए हैं। दिल्ली में यह 30.50 रुपये सस्ता होकर 1764.50 रुपये का रह गया है। कोलकाता में यह 32 रुपये सस्ता होकर 1879.00 रुपये और मुंबई में 31.50 रुपये कम होकर 1717.50 रुपये का रह गया है। चेन्नई में यह 30.50 रुपये सस्ता होकर 1930.00 रुपये रह गया है। घरेलू सिलेंडर के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इलेक्टोरल बॉन्ड (electoral bond) की जमकर वकालत की है। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा लाई गई इलेक्टोरल बॉन्ड की नीति से यह पता चल पाया है कि किस पार्टी को कहां से किसने चंदा दिया है। पीएम मोदी ने एक निजी न्यूज के साथ बातचीत में बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड की वजह फंडिंग का सोर्स पता चल जाता था। उन्होंने विपक्ष (Opposition) के बयानों पर कटाक्ष करते हुए कहा क्या कोई एजेंसी हमें बता सकती है कि 2014 से पहले चुनावों में कितना पैसा खर्च किया गया था। तमिल टीवी को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, “चुनावी बांड की बदौलत अब हम फंडिंग के सोर्स का पता लगा सकते हैं। कुछ भी सही नहीं है, हर चीज में खामियां हैं मगर उन्हें दूर किया जा सकता है।” बता दें राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए 2017 में इलेक्टोरल बांड योजना शुरू की गई थी। इस साल 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को रद्द कर दिया और चुनाव आयोग से फंडिंग डेटा जारी करने को कहा। आंकड़ों से पता चला कि राजनीतिक दलों को देश के शीर्ष कॉरपोरेट्स से करोड़ों रुपये मिले। फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने सबसे ज्यादा 1,368 करोड़ रुपये के बांड खरीदे, इसके बाद मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। शीर्ष 10 व्यक्तिगत दानदाताओं द्वारा खरीदे गए 84% चुनावी बांड भाजपा को मिले। भाजपा के अलावा दूसरी सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) थी जिसे 16.2 करोड़ रुपये यानी लगभग 9% धन मिला। तीसरी सबसे बड़ी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) थी जिसके पास 5 करोड़ रुपये का फंड मिला।
4. ‘उन्होंने कानून का इस्तेमाल ही नहीं किया’, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों पर बोले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने विपक्ष द्वारा सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों पर तीखा जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां (central investigating agencies) स्वतंत्र तौर पर काम करती हैं। उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि सरकार द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। तमिलनाडु के एक मीडिया चैनल को दिए अपने ताजा इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि ‘न तो हम जांच एजेंसियों के काम में बाधा डालते हैं और न ही उनकी कार्रवाई में कोई दखल देते हैं। वे निष्पक्ष और स्वतंत्र तौर पर जांच करती हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन मामलों की जांच फिलहाल ईडी द्वारा की जा रही है, उनमें से 3 फीसदी से भी कम मामले राजनीति से जुड़े हैं।
5. इजराइल में सबसे बड़ा सरकार विरोधी प्रदर्शन, PM नेतन्याहू के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) अपने ही देश में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। नेतन्याहू के खिलाफ लोगों में गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। हमास के खिलाफ बीते साल अक्टूबर में युद्ध शुरू होने के बाद से सबसे बड़े सरकार विरोधी प्रदर्शन के तहत रविवार को हजारों इजराइली यरूशलम में संसद भवन के बाहर जमा हुए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से गाजा में हमास की तरफ से बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को छुड़ाने के लिए समझौते पर पहुंचने और निर्धारित समय से पहले चुनाव कराने का अनुरोध किया। देखने वाली बात यह भी है कि, लगभग छह महीने से जारी युद्ध को लेकर इजराइली समाज में मतभेद भी नजर आने लगा है। बीते साल सात अक्टूबर को सीमा पार कर आए हमास के आतंकियों ने हमला किया था। इस आतंकी हमले में 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। नवंबर में एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान लगभग आधे बंधकों को रिहा कर दिया गया था।
1 अप्रैल (सोमवार) को शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering cases) में ईडी ने केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। इस दौरान कोर्ट में ईडी की ओर से कहा गया कि केजरीवाल ने पूछताछ में आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया है। उन्होंने कस्टडी के दौरान बताया कि विजय नायर मुझे नहीं बल्कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। ED के इस खुलासे पर आम आदमी पार्टी नेता जैस्मिन शाह ने पलटवार करते हुए यह आरोप लगाया कि भाजपा अब इस मामले में हमारे इन दो मंत्रियों आतिशी और सौरभ को फंसाने की कोशिश कर रही है। जैस्मिन शाह ने कहा कि जब विजय नायर को हिरासत में लिया गया था तब ही उन्होंने यह बात कही थी कि मैं मुख्यमंत्री को रिपोर्ट नहीं करता मैं आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता हूँ। अब यह सवाल उठता है कि ED ने डेढ़-दो साल बाद उस बयान को क्यों उठाया जो लिखित में उसके पास है? इसका मतलब साफ है कि भाजपा यह समझ चुकी है कि एक अरविंद केजरीवाल को जेल में डालने से पार्टी बंद नहीं होगी। इसके लिए अब 2-3 और नेताओं की तैयारी करो। इसके बाद ही हमारे इन 2 वरिष्ठ नेताओं का नाम सामने लाया गया है जबकि यह नाम पहले से ही उनके बयान में दर्ज था।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार भोजशाला (Dhar Bhojshala) और कमल मौला मस्जिद (Kamal Maula Masjid) में जारी ASI सर्वे पर रोक लगाने की मांग ठुकरा दी है। कोर्ट ने इसके साथ ही सभी पक्षों को इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस भेजा है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (High Court) ने भोजशाला में ASI सर्वे करने के इजाजत दी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अप्रैल को दिए अपने आदेश में यह जरूर कहा है कि सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। इतना ही नहीं, सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा है कि विवादित स्थल पर कोई भी भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे इसका मूल स्वरूप बदले। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें ASI को विवादित स्थल भोजशाला और कमल मौला मस्जिद में सर्वेक्षण करने के निर्देश दिया गया था। खास बात यह है कि कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भेज दिया है।
8. शराब घोटाला केस में तिहाड़ भेजे गए CM केजरीवाल, जेल नंबर-2 होगा ठिकाना
आबकारी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) को सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. केजरीवाल को अब तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जा रहा है. जहां उनको जेल नंबर-2 में रखा जाएगा. तिहाड़ में इस तरह की कुल 16 जेल हैं. इसमें 9 जेल तो तिहाड़ में ही मौजूद हैं जबकि 1 जेल रोहिणी और 6 जेल मंडोली में हैं. रोहिणी और मंडोली की जेलें भी तिहाड़ के अधीन आती हैं. आबकारी मामले में ही जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को तिहाड़ की जेल नंबर 1 में जबकि के.कविथा को महिला जेल नंबर 6 में और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को जेल नंबर 5 में रखा गया है. जेल नंबर 6 तिहाड़ में है जबकि जेल नंबर 16 मंडोली में है. जेल भेजे जाने से पहले सारे कैदियों का जेल में ही मेडिकल होता है. मेडिकल की यह सुविधा 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल का मेडिकल भी तिहाड़ जेल में ही होगा. यहां पर दो मुख्य अस्पताल भी मौजूद है.
9. 114 लड़ाकू विमान की विदेशी डील कैंसिल, रक्षा मंत्रालय अब इस सरकारी कंपनी से करेगी खरीद
रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने IAF के लिए 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (fighter aircraft) की विदेशी कंपनी (foreign company) से खरीद को कैंसिल (canceled) कर दिया है. अब ये खरीद सरकारी कंपनी (government company) से ही होगी. दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने फाइटर एयरक्राफ्ट की डील के लिए RFI को रद्द कर दिया है. विदेशी लड़ाकू जेट आयात करने के बजाय वायुसेना ADA-HAL की ORCA/TEDBF परियोजना का समर्थन करेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस परियोजना के लिए 50,000 करोड़ की सीसीएस मंजूरी दी गई है. यह खरीद ‘मेक इन इंडिया’ को एक बड़ा बढ़ावा देगी क्योंकि विमान को एचएएल के अलावा कई स्थानीय विक्रेताओं की भागीदारी के साथ स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा.अधिकांश उपकरण और सिस्टम स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त होने के कारण, ये लड़ाकू विमान सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत स्कीम को बढ़ावा देंगे.
10. समाजवादी पार्टी ने खजुराहो में बदला उम्मीदवार, मनोज यादव का टिकट काटकर अब इन्हें बनाया प्रत्याशी
इंडिया गठबंधन (india alliance) के तहत मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव (Madhya Pradesh Lok Sabha Elections) के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को खजुराहो सीट मिली है, जिस पर पार्टी की ओर से डॉ. मनोज यादव (Manoj Yadav) को टिकट दिया गया था. हालांकि, अब सपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है. मनोज यादव का टिकट काटते हुए अब पूर्व विधायक मीरा दीपक (Former MLA Meera Deepak) को उम्मीदवार बनाया है. इसी के साथ, डॉ. मनोज यादव को समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. मालूम हो, खजुराहो सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा हैं, जिनके सामने मीरा दीपक चुनावी मैदान में उतरी हैं. बता दें, मनोज यादव ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में विदिशा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे हैं. उस दौरान बीजेपी की सुष्मा स्वराज के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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