नई दिल्ली। 1 अप्रैल (सोमवार) को शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। इस दौरान कोर्ट में ईडी की ओर से कहा गया कि केजरीवाल ने पूछताछ में आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया है। उन्होंने कस्टडी के दौरान बताया कि विजय नायर मुझे नहीं बल्कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। ED के इस खुलासे पर आम आदमी पार्टी नेता जैस्मिन शाह ने पलटवार करते हुए यह आरोप लगाया कि भाजपा अब इस मामले में हमारे इन दो मंत्रियों आतिशी और सौरभ को फंसाने की कोशिश कर रही है।
जैस्मिन शाह ने कहा कि जब विजय नायर को हिरासत में लिया गया था तब ही उन्होंने यह बात कही थी कि मैं मुख्यमंत्री को रिपोर्ट नहीं करता मैं आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता हूँ। अब यह सवाल उठता है कि ED ने डेढ़-दो साल बाद उस बयान को क्यों उठाया जो लिखित में उसके पास है? इसका मतलब साफ है कि भाजपा यह समझ चुकी है कि एक अरविंद केजरीवाल को जेल में डालने से पार्टी बंद नहीं होगी। इसके लिए अब 2-3 और नेताओं की तैयारी करो। इसके बाद ही हमारे इन 2 वरिष्ठ नेताओं का नाम सामने लाया गया है जबकि यह नाम पहले से ही उनके बयान में दर्ज था।
बता दें कि शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज पहली बार कोर्ट में आतिशी सौरभ भारद्वाज का नाम लिया गया है। जिस समय आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया गया। उस वक्त वे दोनों कोर्ट रूम के अंदर ही मौजूद थे। अपना नाम सुनकर सौरभ एकदम से चौंक गए। उन्होंने अपने साथ खड़ी अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की तरफ देखा, जिसके बाद सुनीता ने भी सौरभ की तरफ देखा। हालांकि जब आबकारी नीति लाई गई तब दोनों ही मंत्री नहीं थे, केवल विधायक और प्रवक्ता थे।
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