नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने शुक्रवार को एक अप्रैल से गेहूं की स्टॉक स्थिति (wheat stock status) की अनिवार्य घोषणा का आदेश (Mandatory declaration order) जारी किया है। सरकार ने यह कदम जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने के लिए उठाया है। सभी श्रेणियों की संस्थाओं की ओर से चावल के स्टॉक की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने जारी एक आदेश में कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों को एक अप्रैल से प्रभावी सरकारी पोर्टल पर गेहूं की अपनी स्टॉक की स्थिति घोषित करनी होगी। वर्तमान में गेहूं की स्टॉक सीमा जारी करने की तिथि 31 मार्च को समाप्त हो रही है।
मंत्रालय के मुताबिक सरकार की ओर से जारी आदेश में आगे कहा गया है कि हर संस्था को पहले पोर्टल https://evegoils.nic.in पर पंजीकृत करना होगा। इसके उपरांत हर शुक्रवार को गेहूं और चावल के स्टॉक का खुलासा करना होगा। मंत्रालय के मुताबिक देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने और आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं और चावल की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
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