भोपाल (Bhopal)। रंगपंचमी (Rang Panchami 2024) का त्योहार हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित माना जाता है। होली (Holi 2024) के त्योहार के 5 दिन बाद चैत्र माह की कृष्ण पंचमी के दिन रंगपंचमी मनाई जाती है। मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में रंगपंचमी उल्लास के साथ मनाई जाती है। पांचवी तिथि यानि होलिका दहन (Holi 2024) के बाद पांचवे दिन पर रंगपंचमी (Rang Panchami 2024) मनाई जाती है।
माना जाता है कि रंगपंचमी (Rang Panchami) के दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी के संग होली खेली थी। इसी चलते इस इन भक्त राधा रानी और भगवान श्रीक़ृष्ण की पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं, उन्हें गुलाल लगाते हैं और राधे-कृष्ण आरती गाते हैं।
दूसरी ओर एक और पौराणिक कथा के अनुसार रंगपंचमी इसलिए मनाई जाती है, क्योंकि देवलोक में इसका आरंभ हुआ था। असल में कथा के अनुसार कामदेव से क्रोधित होकर महादेव ने उन्हें भस्म कर दिया था जिस चलते देवलोक को निराशा ने घेर लिया था। भोलेनाथ ने देवताओं की प्रार्थना पर कामदेव को जीवित कर दिया था जिसके बाद देवलोक में रंग-गुलाल उड़ाकर रंगपंचमी मनाई गई।
रंगपंचमी पूजा विधि : कहा जाता है कि रंगपंचमी के दिन स्वयं देवलोक से देवता धरती पर आकर रंग खेलते हैं! मान्यता है कि रंगपंचमी के दिन माता लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) का भी पूजन होता है, सुबह स्नान करके मां लक्ष्मी को पूजा जाता है और कलश में रखे पानी को घर में छिड़का जाता है। इसके पश्चात नारियल पर सिंदूर लगाकर महादेव को अर्पित किया जाता है। मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण और राधा रानी की आरती कर उन्हें पीला, मां लक्ष्मी को लाल और शनि देव को नीला रंग लगाया जाता है।
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