इंदौर। राज्य शिक्षा केंद्र पांचवीं-आठवीं की परीक्षाओं के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन त्वरित गति से करवा रहा है। इंदौर जिले में 10 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। यहां मूल्यांकनकर्ता इसलिए नाराज हैं कि उन्हें 2 साल से पारिश्रमिक नहीं दिया गया और इस बार भी बेमन से कार्य में जुटे हैं। जिले के 10 मूल्यांकन केंद्रों पर तकरीबन 2 लाख उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए आई हैं। अधिकारियों की ओर से दावा किया जा रहा है कि 60 फीसदी कार्य हो चुका है। तकरीबन 1500 शिक्षकों की तैनाती अलग-अलग मूल्यांकन केंद्रों पर जिले में की गई है।
समय पर परिणाम जारी करने के लिए छुट्टियों के दिनों में भी मूल्यांकन जारी रहने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि छुट्टियों में पूरी क्षमता के साथ शिक्षकों का मूल्यांकन केंद्र पहुंचना संभव नहीं लग रहा। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के केके आर्य, मनिंदरसिंह ठाकुर ने बताया कि 2 वर्ष से पांचवीं-आठवीं के मूल्यांकनकर्ताओं को पारिश्रमिक नहीं मिला है। मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों के लिए पांचवीं में दो रुपए व कक्षा आठवीं के लिए ढाई रुपए प्रति उत्तर पुस्तिका पारिश्रमिक दिया जाता है। शिक्षकों का कहना है कि राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से दो वर्ष से मूल्यांकन की राशि बकाया है। फिर से समय पर मूल्यांकन करने का दबाव बना हुआ है। शिक्षक बेमन से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने में जुटे हैं।
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