इंदौर। अब तक पार्षद का भी चुनाव नहीं लड़े नवेले अक्षय बम को कांग्रेस नेे अपना प्रत्याशी तो घोषित कर दिया है, लेकिन बम को पहले अपने ही घर की चुनौतियों से निपटना होगा। कांग्रेस की गुटबाजी के चलते प्रत्याशी को कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता ही पसंद नहीं कर रहे हैं। यह नजारा गांधी भवन में नजर आया, जब उनका स्वागत रखा गया। गांधी भवन में जब भी कोई बड़ा नेता आता है तो वहां इतनी अधिक संख्या में कांग्रेसी पहुंच जाते हैं कि पैर रखने तक की जगह नहीं बचती, लेकिन प्रत्याशी घोषित होने के बाद बम का स्वागत करने चुनिंदा कांग्रेसी ही पहुंचे। इनमें भी कई वरिष्ठ नेता और सभी पार्षद भी गायब रहे। बम का स्वागत करने जो चुनिंदा नेता पहुंचे, उनमें पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा, वरिष्ठ नेता सुरेश मिंडा, देवेंद्रसिंह यादव, राजेश चौकसे, रीना बौरासी, अमन बजाज, दीपू यादव, साक्षी शुक्ला, मुकेश यादव सहित कुछ कार्यकर्ता नजर आए।
दरअसल अक्षय का नाम ऐसे समीकरण से घोषित किया गया है, जब कोई बड़ा नेता इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव लडऩा नहीं चाह रहा था। बम चूंकि कांग्रेस की राजनीति में कभी सक्रिय नहीं रहे हैं, इसलिए उनके समर्थक भी नहीं हैं कि वे अपने अकेले के बूते पर चुनावी मैदान में उतर सकें। कांग्रेस में यह भी बात जाहिर है कि जिसे टिकट मिलता है उसे अपने ही बल पर चुनाव लडऩा पड़ता है। ऐसे में इंदौर जैसी सीट जहां पिछली बार भाजपा की लीड करीब साढ़े पांच लाख रही हो और इस बार वरिष्ठ नेता कह चुके हैं कि ये लीड 8 लाख तक जाएगी तो अक्षय के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा। कांग्रेस से संजय शुक्ला और विशाल पटेल जैसे नेता पहले ही बाहर हो चुके हैं, नहीं तो उनके समर्थक लीड का थोड़ा-बहुत अंतर कम करवा सकते थे। वहीं सांवेर और राऊ विधानसभा जैसे क्षेत्रों में अक्षय को जाना होगा, क्योंकि वहां उनका चेहरा नया है। इंदौर लोकसभा सीट के मतदान में 54 दिन बचे हैं और इसके शुरुआती दिनों में कांग्रेस नेताओं से मिलना और उन्हें पक्ष में करना अक्षय के लिए एक बड़ा चुनौती साबित होने वाला है। इसके बाद जनसंपर्क का ऐसा कार्यक्रम जमाना होगा, जिसमें अधिक से अधिक इलाके कवर हो सकें। फिलहाल तो अक्षय को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को ही ढोक देना होगी, क्योंकि जो भी वोट अक्षय को मिलेंगे वे कांग्रेस के बल पर ही मिलेंगे।
विजयवर्गीय लिखकर दें कि इस्तीफा दे देंगे
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की इंदौर लोकसभा सीट को 8 लाख से जिताने की बात पर अक्षय बम ने कहा कि विजयवर्गीय लिखकर दें कि अगर वे शंकर लालवानी को 8 लाख मतों से नहीं जिता पाए तो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। पहचान के अभाव के बारे में प्रश्न किया गया तो उन्होंने दावा किया कि मेरा शहर के ढाई लाख घरों में सीधा संपर्क है और मैं सबसे मिलता-जुलता रहता हूं।
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