डेस्क: संयुक्त अरब अमीरात में भिखारियों की समस्या से निपटने के लिए अजमान की पुलिस ने रमजान के पहले सप्ताह में 45 भिखारियों को गिरफ्तार किया गया है. भिखारियों की संख्या को यूएई में सीमित करने के लिए पुलिस को स्थानीय नागरिकों के अलावा विभिन्न संस्थानों का भी सहयोग मिल रहा है.
जारी वर्ष में यूएई की सरकार ने एक खोजी दल का गठन किया है. जिससे वह भिखारियों की निगरानी और उनका अनुसरण कर सके. यही नहीं पुलिस ने मस्जिदों, बैंकों, बाजारों सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर निगरानी कड़ी कर दी है. जहां इनके पहुंचने की प्रबल संभावना है.
अजमान में कई ऐसे समूह हैं जों गरीबों को सुविधा मुहैया कराते हैं. हालांकि, यह लाभ उन्हीं लोगों को प्राप्त होता है जो वास्तव में गरीब, बीमार या जरूरतमंद होते हैं. यही नहीं ये समूह जरूरतमंद लोगों को पुलिस के दंड और जुर्माने से भी बचाते हैं और उन्हें भीख न मांगने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
यही नहीं अजमान में कई ऐसे संस्थान और संघ हैं जों भिखारियों की रिपोर्ट मिलने पर उन्हें अपने यहां आश्रय देते हैं. इसके लिए समूहों की ओर से बाकायदा फोन नंबर भी जारी किए गए हैं. संस्थानों की तरफ से पुलिस को भी यह नंबर दिए गए हैं. जिससे वह सूचना मिलने पर गरीबों की मदद के लिए आगे आ सकें.
बता दें रमजान के पाक महीने में दुनियाभर के मुसलमान रोजा रखते हैं. इस दौरान वह अल्लाह की इबादत करते हैं और जकात निकालते हैं. रमजान के दौरान मस्जिदों, बाजारों और प्रमुख स्थानों पर भिखारियों की संख्या भी बढ़ जाती है. लेकिन अरब मुल्क यूएई में भीख मांगना जुर्म है. यही वजह है कि वहां की पुलिस प्रति वर्ष भिखारियों के खिलाफ खोजी अभियान चलाती है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि यूएई में भिखारियों के लिए कठोर कानून बनाया गया है. भीख मांगते हुए पकड़े जाने पर कानून के तहत 5 हजार दिरहम का जुर्माना और 3 महीने जेल का प्रावधान है. इसके अलावा भिखारियों के समूह को चलाने वाले गैंग के खिलाफ 6 महीने जेल और एक लाख जुर्माने का प्रावधान है.
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