नई दिल्ली (New Delhi) । वो कई मौकों पर संविधान (Constitution) बदलने की बात करते थे. कुछ दिन पहले भी उन्होंने ऐसी ही बात की थी लेकिन भाजपा (BJP) ने ऐसे नेताओं (leaders) के खिलाफ सख्त संदेश देते हुए उनका टिकट काट दिया है. जी हां, कर्नाटक से बीजेपी ने अपने फायरब्रांड नेता अनंत हेगड़े (Anant Hegde) को इस बार टिकट नहीं दिया है. हेगड़े 6 बार सांसद चुने गए हैं. लेकिन कई बार उनके बयान के कारण पार्टी के सीनियर नेताओं को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है. पार्टी ने इस बार ऐसे कई बड़बोले नेताओं के टिकट काट दिए हैं. इनमें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी शामिल हैं. इसलिए बीजेपी की ओर से सभी बड़बोले नेताओं के लिए यह स्पष्ट संदेश है.
अक्सर विवादों में रहते हैं अनंत हेगड़े
अनंत कुमार हेगड़े पिछले 28 साल से उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट से जीतते आ रहे हैं. वे 6 बार सांसद चुने गए हैं. इनमें से चार लगातार बार से वे चुनाव जीत रहे हैं. लेकिन उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया है. हेगड़े लगातर ऐसे बयान देते रहते हैं जिनके कारण विवाद खड़ा होता है. हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया था जिसमें कहा था कि बीजेपी का 400 का लक्ष्य इसलिए है क्योंकि संविधान बदलना हमराा लक्ष्य है. एक सभा में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हिन्दुओं पर जुल्म करने के लिए संविधान है, इसलिए इसे दोबारा लिखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसमें अनावश्यक चीजों को जबरदस्ती भर दी है जिसके कारण संविधान अपने मूल रूप से विकृत हो गया है. कांग्रेस ने ऐसा कानून बनाया है जिसमें हिन्दू समाज को दबाया जाता है. अगर इन सबको बदलना है तो वर्तमान बहुमत के साथ संभव नहीं है इसलिए हमें 400 सीटों की जरूरत है.
अन्य बड़बोले नेताओं के भी टिकट कटे
जब जब वे ऐसे बयान देते हैं और विपक्षी दल इसका विरोध करते हैं तो बीजेपी अनंत हेगड़े के बयान से दूरी बना लेते हैं. पार्टी का कहना होता है कि ये उनका निजी बयान है. लेकिन इस बार संदेश एकदम साफ है क्योंकि कई अन्य बड़बोले नेताओं के भी टिकट काटे गए हैं. हेगड़े के अलावा प्रज्ञा सिंह ठाकुर, दिल्ली के सांसद रमेश विधूड़ी, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा जैसे बड़बोले नेताओं के भी टिकट काटे गए हैं. इस बार अनंत कुमार हेगड़े की जगह 6 बार के एमएलए और कर्नाटक विधानसबा के पूर्व स्पीकर विश्वेसर हेगड़े को टिकट दिया गया है.
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