उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन (ujjain) में भगवान महाकाल के दरबार में होली की शुरुआत हो गई है. क्षिप्रा नदी (Kshipra River) के तट पर स्थित मंडप में शयन आरती के दौरान भक्तों ने भूत, प्रेत, नंदी, पिशाच, शिव, पार्वती, राधा कृष्ण का रूप धारण कर रंग, गुलाल और अबीर से होली खेली. बाबा महाकाल की नगरी (city of Baba Mahakal) में हर त्यौहार का अपना विशेष महत्व है.
इसी तरह यहां होली भी खास तरीके से मनाई जाती है. हर साल शयन आरती भक्त मंडल यहां विशेष आयोजन करता है. होली से एक दिन पहले शयन आरती में भक्तों ने भूत, प्रेत, नंदी, पिशाच, शिव, पार्वती, राधा कृष्ण का रूप धारण कर महाकाल मंडप में रंग, गुलाल और अबीर से होली खेली. होली उत्सव के दौरान सभी ने खूब डांस किया. कार्यक्रम में लोगों ने तरह-तरह की पोशाकें पहनीं. इस दौरान सभी मस्ती करते नजर आए.
यह खास नजारा हर साल होली के एक दिन पहले महाकाल मंडप में देखने को मिलता है. यह वही शयन आरती भक्ति मंडल परिवार है जो हर साल भगवान महाकाल के विवाह के बाद के स्वागत समारोह के रूप में हजारों भक्तों के लिए भोजन प्रसाद का आयोजन भी करता है. देर शाम संध्या आरती के बाद होलिका का दहन मंदिर के प्रांगण में ही होगा, जिसके बाद 25 मार्च की अल सुबह भस्मार्ती के दौरान फिर बाबा भक्तों संग रंग गुलाल से होली खेलेंगे और पूरा संसार होली पर्व मनाएगा.
बाबा का आज भांग, सूखे, मेवे, चंदन, आभूषणों, से श्रृंगार हर रोज की तरह किया. श्री महाकालेश्वर मंदिर में संध्या आरती के बाद होलिका दहन किया जाएगा. श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती में सर्वप्रथम बाबा श्री महाकालेश्वर जी को गुलाल अर्पित किया जाएगा.
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