नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले रुपया अब अपने ऑल-टाइम लो लेवल पर आ चुका है. अगर करेंसी बाजार में आप इस समय एक डॉलर लेने जाएंगे, तो आपको 83.61 रुपए का पेमेंट करना होगा. शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी दिन डॉलर के मुकाबले जब 48 पैसे टूटकर बंद हुआ, तो यह अपने सर्वकालिक निम्न स्तर पर पहुंच गया.
रुपए में गिरावट के कई दूरगामी परिणाम होते हैं. इसका एक ही फायदा है कि इससे भारत के एक्सपोर्टर्स को अब पहले से बेहतर डील मिलेगी, लेकिन अगर आम आदमी की नजर से देखेंगे तो इससे कई नुकसान होने वाले हैं. यहां तक कि ये पेट्रोल-डीजल की कीमतों को भी बढ़ा सकता है. चलिए जानते हैं इनके बारे में और इस बारे में भी कि रुपए में ये गिरावट क्यों देखी गई है?
इस वजह से जमीन पर आया रुपया
अगर रुपए में गिरावट के कारणों की पड़ताल करेंगे, तो इंटरबैंक करेंसी एक्सचेंज पर शुक्रवार को सिर्फ रुपया ही नहीं, बल्कि अन्य एशियाई मुद्राएं भी कमजोर हुई हैं. इसकी बड़ी वजह फॉरेन फंड्स का बाजार से धननिकासी करना है. इससे रुपए को लेकर धारणा कमजोर पड़ी है. कल कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 83.61 पर बंद जरूर हुआ, लेकिन दिन में ट्रेडिंग के दौरान ये 83.65 के निचले स्तर तक गया.
इससे पहले रुपया 13 दिसंबर 2023 को सबसे निचले स्तर पर गया था. तब ये डॉलर के मुकाबले 83.40 को छू गया था. शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा में रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का कहना है कि यूरो और पाउंड में कमजोरी की वहज से भी डॉलर को मजबूमति मिली है. यूरो में गिरावट की वजह स्विस नेशनल बैंक का ब्याज दरों में 0.25% से लेकर 1.5% तक की कटौती कर बाजारों को आश्चर्यचकित कर देना रही. इससे जून 2024 में यूरोपीय सेंट्रल बैंक के ब्याजदर में कटौती की संभावना बढ़ गई है.
बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दर को 5.25 प्रतिशत पर स्थिर रखने के बाद पाउंड में भी गिरावट आई. चौधरी ने कहा कि अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़ों ने भी अमेरिकी डॉलर का समर्थन किया. इस बीच 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 104.32 पर पहुंच गया.
क्या महंगा होगा पेट्रोल-डीजल?
रुपए में इस गिरावट का असर आम आदमी के जीवन पर कई तरह से पड़ेगा. इससे भारत के लिए इंपोर्ट महंगा होगा, जो क्रूड ऑयल से लेकर पाम ऑयल तक को महंगा करेगा. इसके चलते देश में आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल से लेकर खाने वाले तेल तक की कीमतें बढ़ सकती है. अभी देश में चुनाव का माहौल है, ऐसे में शायद कीमतें ना बढ़ें, लेकिन सरकार चुनाव बाद कोई बड़ा फैसला ले ले.
इतना ही नहीं, जो छात्र भारत से बाहर पढ़ने गए हैं, अब उनके वहां रहना पहले से महंगा हो जाएगा. इसकी वजह ये है कि अब उनके माता-पिता को यहां से पहले से ज्यादा पैसा भेजना पड़ेगा.
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