इंदौर। आज सुबह 6.30 बजे के लगभग नगर निगम का भारी-भरकम अमला पुलिस बल के साथ एरोड्रम क्षेत्र की कालोनी मारवाड़ी अग्रवाल नगर में पहुंचा। निगम के अमले को देखते ही क्षेत्रीय रहवासियों का हुजूम इकट्ठा हो गया। काफी देर तक बहस और नोंकझोंक चलती रही। इसी बीच निगम अमले ने वहां निर्माणाधीन पांच मकानों के हिस्से तोड़ दिए। विवाद बढ़ता रहा, इसी बीच विधायक उषा ठाकुर वहां पहुंच गईं और अफसरों से चर्चा की। इसके बाद निगम के अमले ने कार्रवाई रोक दी। मौके पर नगर निगम के एक अधिकारी और पार्षद के समर्थक के साथ क्षेत्रीय रहवासियों की हुज्जत हुई और नौबत झूमाझटकी तक जा पहुंची। रहवासी विधायक के सामने क्षेत्रीय पार्षद अश्विनी शुक्ल पर तमाम आरोप लगा रहे थे और साथ ही पैसा मांगे जाने की बात भी चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे। पार्षद के खिलाफ नारेबाजी चलती रही। इस दौरान रहवासियों की भीड़ नगर निगम और प्रशासन के सक्षम अधिकारी को बुलाने की मांग करती रही। मौके पर विधायक उषा ठाकुर मौजूद हैं और बताया जाता है कि यह कालोनी उनके ही रिश्तेदार की है।
एरोड्रम क्षेत्र की अंबिकापुरी कालोनी के समीप मारवाड़ी अग्रवाल नगर में कई मकान निर्माणाधीन हैं और कई बन चुके हैं। तीन दिन पहले नगर निगम की ओर से मकानों पर जब नोटिस चस्पा हुए तो रहवासियों की नींद उड़ गई। वे तीन दिनों से निगम के चक्कर लगा रहे थे। आज सुबह नगर निगम का अमला कई जेसीबी, पोकलेन और पुलिस बल के साथ मौके पर जा पहुंचा और 6.30 बजे से ही वहां बने मकानों में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। निगम की रिमूवल टीम ने निर्माणाधीन पांच मकानों के अधिकांश हिस्से तोड़ दिए थे। इसी दौरान रहवासी वहां हंगामा करते रहे। इसी बीच किसी ने विधायक उषा ठाकुर को फोन लगाकर सूचना दी तो वे मौके पर पहुंच गईं। विधायक के आने के बाद रहवासी पूरी तरह मैदान संभाल चुके थे। उन्होंने हंगामा शुरू कर विधायक के सामने ही अपनी बात कहना शुरू की, जिनमें अधिकांश महिलाएं भी शामिल थीं।
निगम अधिकारी वर्मा और पार्षद समर्थक से विवाद और झूमाझटकी
कालोनी में कार्रवाई से गुस्साए लोग जमा होकर हंगामा कर रहे थे। इसी बीच तोडफ़ोड़ की कार्रवाई का निर्देश देने वाले निगम अधिकारी देवकीनंदन वर्मा अचानक लोगों के निशाने पर आ गए और महिलाओं ने उन्हें विधायक उषा ठाकुर के सामने बुलवाया। जब वे नहीं आए तो महिलाओं और पुरुषों ने उन्हें धक्का देकर वहां ले जाने का प्रयास किया। इस दौरान झूमाझटकी भी हुई। इसी बीच पार्षद अश्विनी शुक्ल का एक समर्थक वहां किसी कार्य से पहुंचा तो लोगों की भीड़ ने उसे भी घेर लिया और उसके साथ झूमाझटकी की। मामला मारपीट तक पहुंच जाता, लेकिन पुलिसकर्मियों ने समर्थक को वहां से बचाकर रवाना कर दिया।
100 से ज्यादा मकान बने हुए हैं अवैध कालोनी में
रहवासियों का कहना है कि नगर निगम अब कालोनी में कार्रवाई के लिए पहुंच रहा है, जब वहां 100 से ज्यादा मकान बन चुके हैं। अगर निगम को कार्रवाई करना थी तो जब मकान निर्माणाधीन थे, तब की जाना थी। अब कार्रवाई करने से कई परिवार पूरी तरह उजड़ जाएंगे। कई लोगों ने निगम अधिकारियों को खरी-खोटी भी सुनाई और कहा कि क्षेत्रीय पार्षद अश्विनी शुक्ल के इशारे पर नगर निगम का अमला सिर्फ इसी कालोनी में कार्रवाई करने क्यों पहुंचा है, जबकि आसपास के क्षेत्रों में कई अवैध कालोनियां बन रही हैं तो फिर निगम वहां क्यों नहीं जाता?
विधायक ठाकुर के रिश्तेदार की है कालोनी
आज सुबह मारवाड़ी अग्रवाल नगर में हंगामे के बीच पुलिस अधिकारियों ने मोर्चा संभालकर लोगों को शांत रहने को कहा। रहवासियों का कहना है कि कालोनी विधायक उषा ठाकुर के ही रिश्तेदार अंबू ठाकुर की है और इसको वैध किए जाने की प्रक्रिया कर्ई दिनों से चल रही है। लोगों द्वारा विकास शुल्क के लिए कालोनाइजर को हजारों की राशि के चेक भी दे दिए गए हैं। कई लोगों का कहना था कि कालोनी टीएनसी एप्रूवल हो चुकी है और जब कालोनी को वैध किए जाने की सारी प्रक्रिया चल रही है तो फिर अफसर कैसे पहुंच गए?
लाखों का लोन है, तोड़ा तो मर जाएंगे
यहां रहने वाली मधु तिवारी, निर्मला कालिया और अन्य रहवासियों ने बताया कि उन्होंने यहां रजिस्ट्री करवाकर प्लाट लिए थे और लाखों का लोन लेकर मकान बनवा रहे हैं। अब निगम की टीम यहां तोडऩे आई है। अगर मकान तोड़े गए तो हम जीते-जी मर जाएंगे।
क्षेत्रीय पार्षद के खिलाफ नारेबाजी
मारवाड़ी अग्रवाल नगर में निगम की कार्रवाई के विरोध में वहां बड़ी संख्या में जमा हुए महिला, पुरुषों ने एमआईसी मेंबर और क्षेत्रीय पार्षद अश्विनी शुक्ल के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोल दिया और उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। लोगों का आरोप है कि पार्षद शुक्ल कभी भी क्षेत्र में नहीं आते। कई दिनों से वे समस्याओं से परेशान हैं। शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होती और अब बिल्डर से उन्होंने कोई उम्मीद की थी, जो पूरी नहीं होने पर अब कालोनी पर बुलडोजर भेजकर उनके मकान तुड़वाए जा रहे हैं।
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