इंदौर। कल कांग्रेस को एक बड़ा झटका इंदौर की सांवेर विधानसभा ने दिया। कभी मंत्री तुलसी सिलावट के साथ कांग्रेस में कंधे से कंधा मिलाकर भाजपा के खिलाफ खड़े रहने वाले कई कांग्रेसियों ने भाजपा का झंडा उठा लिया। हालांकि इसके लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे। अब सांवेर को भी कांग्रेसमुक्त करने का दावा किया जा रहा है।
जिस तरह से भाजपा ने अबकी बार 400 पार का नारा देते हुए प्रत्येक बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का जो लक्ष्य लिया है, उसको पूरा करने के लिए भाजपा हर राजनीतिक दांव आजमा रही है। विशाल पटेल के भाजपा में आने के बाद देपालपुर में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं बचा है तो महू में भी लगभग कांग्रेस की यही स्थिति है। यहां से अंतरसिंह दरबार भाजपा में आ गए हैं। 2019 में सांवेर से तुलसी सिलावट जैसे नेता भाजपा में आ गए थे, लेकिन उनके साथ काम करने वाले कई कांग्रेसी अभी भी भाजपा में ही थे। हालांकि उनके साथ कई कांग्रेसी नेता भी भाजपा में आ गए थे, जिनमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के नेता शामिल थे।
इनमें से दो को तो वे पार्षद भी बनवा चुके हैं। सांवेर के कांग्रेसियों को लेकर लंबे समय से भाजपा में लाने की कवायद चल रही थी और दो दिन पहले पूरी सूची बनाकर उन्हें कल भोपाल में भाजपा में शामिल कर लिया गया। एक तरह से मंत्री तुलसी सिलावट की ताकत में ही वृद्धि हुई है, वहीं सांवेर में अब गिनती के ही कांग्रेसी बचे हैं। सिलावट का कहना है कि विकास को लेकर सांवेर के कांग्रेसियों ने भाजपा का दामन थामा है। वहीं राम मंदिर भी एक बड़ा कारण रहा, जिसका अपमान कांगे्रस नेताओं ने किया। कल जो लोग भाजपा में आए हैं, उनमें जनपद सदस्य, पंचायतों के पंच-सरपंच, कांग्रेस के पदाधिकारी, करणी सेना के पदाधिकारी और अन्य शामिल हैं। कुल 305 लोगों की सूची भाजपा को सौंपी गई है।
प्रमुख कांग्रेसी नेता जो भाजपा में आए
बलराम पटेल जिला कार्यवाहक अध्यक्ष कांगे्रस, जनपद पंचायत सांवेर के संतोष चौधरी, इंदौर जनपद पंचायत के मुकेश यादव, खुशबू खोवारे, रंजीता पति कमल, कांग्रेस के पदाधिकारियों में विकास यादव, मनोज यादव, गोपाल यादव, पीयूष दुबे, सुरेश पटेल, किशोर पटेल, करणी सेना के धीरजसिंह चौहान, रवींद्रसिंह राणा के अलावा पूर्व जनपद सदस्य, सरपंच, उपसरपंच, एनएसयूआई, युवक कांग्रेस के पदाधिकारी भी शामिल हैं।
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