नई दिल्ली (New Delhi)। साल 2014 के चुनाव (2014 elections) में फेसबुक और ट्विटर (Facebook and Twitter), 2019 में व्हाट्सएप (whatsapp in 2019) और इस चुनाव (this election) में यूट्यूबर्स (YouTubers), इंस्टाग्राम (Instagram) और इन्फ्लुएंसर्स (influencers)। भाजपा (BJP) की तैयारी इस बार डिजिटल स्ट्राइक के जरिये जीत की हैट्रिक लगाने की है। वहीं, विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस भी सोशल मीडिया के जरिये मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, तो सोशल मीडिया वॉरियर्स भी तैयार किए गए हैं।
यूट्यूब, इंस्टाग्राम से जुड़ीं शख्सियतें और विभिन्न क्षेत्रों-वर्गों को प्रभावित करने वाले इन्फ्लुएंसर्स इस चुनाव में मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में आए सकारात्मक बदलावों की तस्वीर पेश करेंगे। पार्टी का इरादा बीते दो चुनाव की तरह इस बाद भी ब्रांड मोदी की छवि को और मजबूत बनाने की है। इस रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए पार्टी ने देश को कई हिस्सों में बांटकर दो करोड़ लोगों को चिह्नित कर उनसे संपर्क किया है। इनमें से कई को पार्टी की ओर से पेशेवरों की टीम से तैयार वीडियो, ऑडियो, टेक्सट कटेंट मुहैया कराए जाएंगे। इस रणनीति से जुड़े वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पार्टी चुनाव प्रचार में बढ़त हासिल करने के लिए पहले की तरह फेसबुक, ट्विटर का सहारा भी लेगी, मगर इस बार मुख्य फोकस यूट्यूबर्स, ब्लॉगर्स और इन्फ्लुएंसर्स पर है।
भाजपा ने हर चुनाव में उस समय के सबसे प्रचलित और असर डालने वाले माध्यम को पार्टी का ग्राफ बढ़ाने के लिए चुना है। मसलन 2014 में फेसबुक-ट्विटर ज्यादा लोकप्रिय था, जबकि 2019 में व्हाट्सएप। वर्तमान में यूट्यूब और इंस्टाग्राम सबसे पसंदीदा माध्यम हैं। इनमें अन्य माध्यमों की तुलना में अधिक विश्वसनीयता है और सबसे खास बात यह है कि इसके उपयोगकर्ताओं में बहुमत युवाओं का है।
भाजपा: 2019 में इस रणनीति से जीता भरोसा
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह ने बूथ स्तर पर एक से तीन व्हाट्सएप ग्रुप तैयार कराए थे। बूथ कमेटियों के सदस्य, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं थे, उन्हें फोन दिए गए थे। उस दौरान पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक, मोदी सरकार की प्रमुख योजनाओं मसलन उज्ज्वला, जनधन से आए व्यापक बदलाव से जुड़े कटेंट ने मतदाताओं पर व्यापक प्रभाव डाला था।
इस बार कोशिश…उपलब्धियों को दूसरों से कहलवाओ
इस बार पार्टी अपनी उपलब्धियां दूसरों के माध्यम से बताएगी। रणनीतिकारों का मानना है कि मतदाताओं पर इसका असर ज्यादा होता है। इसलिए पार्टी ने इन्फ्लुएंसर्स, ब्लॉगर्स, यूट्यूबर्स को चुना है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को साधने के अभियान का आगाज पीएम मोदी ने महिला दिवस के दिन किया था। 23 हस्तियों को नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड से सम्मानित किया था।
कांग्रेस: ज्यादा गंभीर…सोशल मीडिया वॉरियर्स मुस्तैद
चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर विपक्ष पहले से ज्यादा गंभीर नजर आ रहा है। खासतौर से कांग्रेस ने सोशल मीडिया वॉरियर्स बनाने के साथ कार्यकर्ताओं के लिए कई प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए हैं। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप के जरिये राहुल पूछे गए सवालों के जवाब के साथ पार्टी और विपक्षी गठबंधन की नीतियों की जानकारी दे रहे हैं। कांग्रेस के सोशल वॉरियर्स देशभर में पार्टी की नीतियों को प्रसारित करने में जुटे हुए हैं।
सामाजिक न्याय, किसान-युवा केंद्रित अभियान
विपक्षी गठबंधन की संयुक्त रणनीति सामाजिक न्याय, किसान और युवा के संदर्भ में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बड़ा अभियान चलाने की है। इसके तहत जातिगत जनगणना, आरक्षण का दायरा बढ़ाने, किसानों को एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने और युवाओं को सरकारी नौकरी की गारंटी का मुद्दा उठाएगा।
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