गांधी भवन ठप पड़ा, गिनती के नेता ही आते हैं और चले जाते हैं
इंदौर। जिस तरह से कांग्रेस प्रत्याशी चयन (congress candidate selection) में पीछे रह गई है और अब तक प्रदेश के 10 नामों की घोषणा ही कर पाई है, उसने कांग्रेस को भाजपा से चुनावी तैयारियों के मामले में पीछे ला दिया है। भाजपा विधानसभा स्तर पर पहुंचकर सम्मेलनों का आयोजन कर रही है, लेकिन कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन (Congress Office Gandhi Bhavan) चुनावी गतिविधियों को लेकर ठप पड़ा हुआ है। यहां कुछ नेता मुंह दिखाई के लिए आते हैं और चले जाते हैं।
वैसे तो इंदौर लोकसभा के लिए 18 अप्रैल को नोटिफिकेशन (Notification) होना है और उसके बाद नामांकन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। नाम वापसी 29 अप्रैल तक होना है और मतदान 13 मई को। इसको लेकर भाजपा के प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं और भाजपा ने समाज प्रमुखों के सम्मेलन, कार्यकर्ता सम्मेलन और बैठकों के माध्यम से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी है। दूसरी ओर कांग्रेस की बात की जाए तो चुनाव प्रचार या तैयारियों के नाम पर कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। यहां किसी प्रकार की चुनावी गतिविधि नजर नहीं आ रही है। यहां तक कि जिन विधानसभाओं में हारे विधायक थे वे भी घर बैठ गए हैं और उनमें से दो संजय शुक्ला और विशाल पटेल तो भाजपा में जा चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस की ओर से किला लड़ाने के लिए कोई बड़ा नेता सामने नहीं आ रहा है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस तो ऐनवक्त पर ही चुनाव मैदान में उतरती है और जैसे ही प्रत्याशी घोषित होगा, वैसे ही चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। वैसे भी कांग्रेस में प्रत्याशी को ही अपने समर्थकों और टीम के सहारे चुनाव लडऩा पड़ता है। फिलहाल तो कांग्रेसियों में कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है। इसको देखकर नहीं लगता है कि कांग्रेस भाजपा को चुनाव में मात दे पाएगी। हालांकि बहुत कुछ प्रत्याशी चयन पर भी निर्भर है। दावा किया जा रहा है कि आज या कल में कांग्रेस के बचे हुए प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकती है।
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