भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के वन विभाग (Forest department) के क्षेत्रीय कर्मचारी और अधिकारी (Regional Staff and Officers) लोकसभा चुनाव में ड्यूटी (Duty in Lok Sabha elections) नहीं करेंगे. चुनाव आयोग (election Commission) ने हाईकोर्ट में लगी एक याचिका पर अंडरटेकिंग दी है कि मध्य प्रदेश के वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव में नहीं लगाई जाएगी. चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा ने चुनाव आयोग द्वारा दी गई अंडरटेकिंग के बाद याचिका का निराकरण कर दिया.
दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई थी.उस दौरान भी वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पत्राचार कर चुनाव ड्यूटी न लगाने की मांग उठाई थी लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान नहीं दिया था. जबकि, चुनाव आयोग के नियमों में ही इसका उल्लेख है कि वन विभाग के क्षेत्रीय अमले की ड्यूटी चुनाव कार्य में नहीं लगाई जा सकती है. माना जाता है कि वन विभाग के क्षेत्रीय अमले की जिम्मेदारियां महत्वपूर्ण होती हैं. इसलिए उन्हें चुनाव ड्यूटी से दूर रखा जाता है.
स्टेट फॉरेस्ट रेंजर्स ऑफिसर एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका में अधिवक्ता अंकित मिश्रा ने तर्क दिया कि क्षेत्रीय अमला न होने की वजह से वन क्षेत्र में चोरियां बढ़ेंगी. साथ ही गर्मी के दिनों में वनों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं. ऐसे में अगर वन विभाग का क्षेत्रीय अमला चुनाव ड्यूटी में लगा रहता है तो फिर इन घटनाओं पर रोक लगाना नामुमकिन हो जाएगा.
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की तरफ से आज बुधवार (20 मार्च) को अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ में कोर्ट में अंडरटेकिंग फ़ाइल की. इसमें आयोग ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वन विभाग के फील्ड के कर्मचारियों और अधिकारियों को निर्वाचन संबंधी जिम्मेदारी से दूर रखा जाएगा. इसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिया.
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