हसन और हुसैन नवाज को 2018 में पनामा पेपर्स लीक से संबंधित एवेनफील्ड, फ्लैगशिप और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में आरोपी बनाया गया था।
हालांकि, उनके विदेश में होने की वजह से मामले की सुनवाई नहीं हो पाई। मामले में मुख्य आरोपी उनके पिता नवाज शरीफ को एवेनफिल्ड और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराया गया था, लेकिन फ्लैगशिप मामले में बरी कर दिया गया था।
तीन बार के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ लगभग चार साल के स्व-निर्वासन के बाद पिछले साल अक्टूबर में लंदन से पाकिस्तान लौटे । उन्होंने दो मामलों में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया। इससे उनके बेटों को आरोपों का सामना करने के लिए लंदन से लौटने का साहस मिला।
अदालत द्वारा उन्हें भगोड़ा घोषित करने पर 14 मार्च तक रोक के बाद दोनों 12 मार्च को स्वदेश लौटे। अंततः अदालत के सामने पेश होने पर उन्हें जमानत मिल गई।
जवाबदेही अदालत ने मंगलवार को बरी करने की याचिका पर सुनवाई की। न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने मामले की सुनवाई के बाद तीनों मामलों में दोनों को बरी कर दिया।
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