भोपाल: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सभी बैठकों में 370 का फार्मूला (‘370 formula’) तेजी से चल रहा है. यह 370 का फार्मूला बीजेपी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित चुनाव प्रबंधन (election management) से जुड़े हर नेता के बीच सुनने और बोलने में आ रहा है. इस फार्मूला के जरिए बीजेपी प्रदेश की सभी 29 सीटों (29 seats) को जीतने का दावा (claim to win) भी कर रही है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (Vishnu Dutt Sharma) के मुताबिक लोकसभा चुनाव में प्रत्येक पोलिंग बूथ (polling booth) पर बीजेपी ने पिछले चुनाव के मुकाबला 370 वोटो से जीत का आंकड़ा दर्ज करने का लक्ष्य रखा है. इसे लेकर बीजेपी के कार्यकर्ता मैदानी तैयारी में भी जुट गए हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के मुताबिक बीजेपी के कार्यकर्ताओं को प्रत्येक पोलिंग बूथ पर वोटिंग प्रतिशत (voting percentage) बढ़ाने का भी लक्ष्य दिया गया है.
बीजेपी के नेताओं को मिले ये निर्देश
बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर प्रत्येक व्यक्ति से मतदान कराए ताकि भारतीय जनता पार्टी की रिकॉर्ड तोड़ जीत हो सके. इसी के साथ सभी पोलिंग बूथ पर 370 वोट अधिक लाने का लक्ष्य भी रखा गया है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पन्ना प्रमुख, वार्ड अध्यक्ष, पार्षद, विधायक, सांसद प्रत्याशी, मंत्री सहित सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा तैयारियां की जा रही हैं.
370 वोटों का धारा 370 से कनेक्शन
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाकर अपने वादे को पूरा किया है. अब लोकसभा चुनाव में 370 वोट अधिक लाने का नारा देकर धारा 370 हटाने के वादे को घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. मध्य प्रदेश में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव हुए हैं. इस चुनाव में 370 वोटों से जीत का लक्ष्य का नारा सुनने और देखने को नहीं मिला, जबकि लोकसभा चुनाव में 370 वोट अधिक लाने का लक्ष्य हर कार्यकर्ता और नेता की जुबान पर है.
बीजेपी के हर लक्ष्य और आंकड़े में दिखती है सांप्रदायिकता: कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता केके मिश्रा के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के हर बयान, हर शब्द और हर आंकड़े में सांप्रदायिकता दिखती है. बीजेपी ने पूरे प्रदेश में 370 वोटों से जीत का ही लक्ष्य क्यों रखा है? यह प्रश्न विचारणीय है. बीजेपी 420 वोटों से जीत का लक्ष्य रख सकती थी. भारतीय जनता पार्टी ने पहले भी कुछ धाराओं में रद्दोबदल किया है, मगर उनका उल्लेख आंकड़ों की दृष्टि से नहीं किया जा रहा है, जबकि बार-बार धारा 370 को भुनाने की कोशिश की जा रही है.
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