नई दिल्ली (New Delhi) । बीजेपी (BJP) ने इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अपने लिए 370 से ज्यादा सीटें जीतने का और अपने गठबंधन (NDA) के लिए 400 से ज्यादा सीटों का लक्ष्य रखा है। बीजेपी नेता और मौजूदा सरकार के मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) तक जिस तरह के बयान दे रहे हैं, उससे वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अपनी प्रचंड जीत के लिए पूरी तरह आश्वस्त हैं। हालांकि यह टारगेट इतना आसान नहीं है। बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में ही कई राज्यों में सेचुरेशन में पहुंच गई थी। इस बार बीजेपी को उन जगह अपना प्रदर्शन बेहतर करते हुए नई सीटों पर भी जीत हासिल करनी होगी। इस लक्ष्य के लिए सिर्फ बीजेपी को उत्तर भारत के राज्यों में नहीं, बल्कि बीजेपी को दक्षिण भारत के राज्यों में भी शानदार प्रदर्शन करना होगा।
विधानसभा चुनाव के नतीजों से जोश
हाल में हुए चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अच्छी जीत हासिल की है। मध्य प्रदेश में तो बीजेपी को सत्ता विरोधी लहर से भी निपटना था। बीजेपी कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं और बीजेपी का कोर वोटर गदगद है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश को लेकर कई एक्सपर्ट दावे कर रहे थे कि यहां फिर से बीजेपी का जीतना मुश्किल है। लेकिन बीजेपी ने सबको गलत साबित किया और प्रचंड जीत हासिल की। इससे पहले गुजरात में भी बीजेपी ने सारे रेकॉर्ड तोड़े थे।
वादे पूरे, मोदी की गारंटी से उम्मीद
बीजेपी ने चुनावी घोषणापत्र में किए अपने वादे पूरे किए हैं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना, राम मंदिर बनाना, संसद-विधायिका में महिला आरक्षण के लिए कानून बनाना इनमें अहम हैं। बीजेपी इन्हें भुना भी रही है और ‘मोदी की गारंटी’ के नाम पर वोट मांग रही है। अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बीजेपी ने पूरे देश में जश्न का माहौल बनाया। कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर अक्षत बांटे। पांच लाख मंदिरों में आरती की गई। बीजेपी को उम्मीद है कि राम मंदिर बनने का असर होगा और यह बीजेपी को टारगेट पूरा करने में मदद देगा। बीजेपी के एक नेता ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि राम मंदिर से ही हम लगभग सभी लोकसभा सीटों में डेढ़ लाख वोट बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। बीजेपी की उम्मीद एक तरफ है, लेकिन जनवरी में राम मंदिर पर जैसा उत्साह का माहौल दिख रहा था, वैसा अब नहीं है। क्या यह मुद्दा पोलिंग बूथ में याद आएगा, यह भी तय करेगा कि बीजेपी का टारगेट पूरा होता है या नहीं। सीएए लागू हो चुका है और बीजेपी को उम्मीद है कि इससे भी फायदा मिलेगा, खासकर पश्चिम बंगाल में।
लाभार्थी है बीजेपी की उम्मीद की वजह
बीजेपी का मानना है कि केंद्र सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थी उसका बड़ा वोट बैंक बने हैं। सरकार के मुताबिक, करीब 80 करोड़ लाभार्थी हैं, जिन्हें कम से कम एक स्कीम का फायदा मिला है। हर जिले में बीजेपी ने कॉल सेंटर बनाए हैं और लाभार्थियों से संपर्क किया जा रहा है। बीजेपी युवाओं को टारगेट कर रही है और विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए युवाओं को विकसित भारत का ब्रैंड ऐंबैसडर बनने का न्योता देने का अभियान चलाया है। बीजेपी सोशल इंजिनियरिंग भी कर रही है और उन समुदायों के वोट पर भी पकड़ बना रही है, जो बीजेपी का परंपरागत वोटर नहीं रहा है। बीजेपी अब तक अपने 68 सांसदों को बदल चुकी है। इसके जरिए वह विरोधी लहर के असर को खत्म करने की कोशिश में है।
टारगेट कैसे पूरा होगा, नेता ने बताया
बीजेपी कैसे 370 से ज्यादा सीटों की उम्मीद कर रही है, इस सवाल पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग कहते हैं कि 2014 में भी सबने कहा था कि बीजेपी को पूरा बहुमत नहीं मिलेगा, लेकिन जनता ने आशीर्वाद दिया। साल 2019 में जब हमने कहा कि हम 300 का आंकड़ा पार करेंगे तो भी कथित एक्सपर्ट्स ने कहा कि 250-280 से ज्यादा मुश्किल हैं, लेकिन हम 302 सीटें लाए। बीजेपी नेता ने कहा कि हमारा परिपक्व नेतृत्व है, हमारे पास पॉलिटिकल मौसम को जानने वाले वैज्ञानिक हैं, गरीबों के लिए 10 साल से लगातार काम किया है, हर वर्ग का जीवन स्तर सुधारने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, देश का सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ा है, विदेश नीति उच्चतम स्थान पर है, दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी बन गए हैं, साथ ही विकास के साथ विरासत को भी समेटा है। उन्होंने दावा किया कि इस बार भी हम टारगेट पूरा करेंगे।
आंकड़े क्या कहते हैं
सी-वोटर के मुताबिक, देशभर में 200 सीटें हैं, जहां बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। इनमें 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 49% से ज्यादा था और कांग्रेस का वोट शेयर 31% से ज्यादा। इन सीटों पर दूसरे दलों को करीब 18.5% वोट मिला था। इन 200 सीटों में से बीजेपी ने 171 सीटें जीती थीं और 20 कांग्रेस ने। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इनमें से 185 सीटें जीतीं और वोट शेयर बढ़कर 55% से ज्यादा हो गया। जहां मुकाबले में क्षेत्रीय दल भी हैं, ऐसी करीब 243 सीटें हैं। साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने इनमें से 108 सीटें जीतीं और वोट शेयर 26% से कुछ ज्यादा रहा। साल 2019 में बीजेपी का वोट शेयर करीब 10% बढ़ गया और सीटें 118 हो गईं। बीजेपी पिछले दो साल से लगातार उन सीटों पर फोकस कर रही है, जहां वह पिछले चुनाव में कम वोटों से हारी थी।
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