नई दिल्ली: पहले अमेरिका के साथ चीन का ट्रेड वॉर, उसके बाद कोविड फिर यूरोपीय देशों के साथ भी तनातनी फिर बाद में भारत के साथ दुश्मनी. ये वो घटनाएं हैं, जिससे चीन इकोनॉमी को झटका लगा है. लेकिन चीन की इकोनॉमी इन सबसे बड़ा दुश्मन कहीं और नहीं बल्कि चीन में ही बैठा है. वो कोई और नहीं बल्कि वहां का रियल एस्टेट सेक्टर है.
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में साफतौर पर लिखा है कि कैलेंडर ईयर के पहले दो महीनों में देश का रियल एस्टेट सेक्टर काफी सुस्त रहा. जोकि इकोनॉमी की इकोनॉमी की रफ्तार के बीच सबसे बड़ा ब्रेकर है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर चीन को लेकर वहां की सरकारी रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
इन आंकड़ों में हुआ सुधार
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन के मैन्युफैक्चरिंग और इंवेस्टमेंट सेक्टर में 2024 के पहले दो महीनों में सुधार हुआ है, जबकि रियल एस्टेट क्षेत्र अभी भी कमजोर बना हुआ है. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि जनवरी-फरवरी में औद्योगिक उत्पादन सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़ा. यह आंकड़ा विश्लेषकों के अनुमान से बेहतर है. इस दौरान कारखानों और उपकरणों पर खर्च 4.2 फीसदी बढ़ गया. इसका मतलब है कि चीन कई इकोनॉमिक मोर्चों पर बेहतर प्रदर्शन करता हुआ दिखाई दे रहा है.
ये है सबसे बड़ा दुश्मन
दूसरी ओर चीन की इकोनॉमी के लिए रियल एस्टेट सबसे बड़ा दुश्मन बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-फरवरी में रियल एस्टेट सेक्टर सुस्त रहा और इसमें पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के प्रवक्ता लियू एहुआ ने संवाददाताओं से कहा कि संपत्ति बाजार अभी भी समायोजन और बदलाव के दौर से गुजर रहा है, लेकिन इस महीने की शुरुआत में चीन के वार्षिक विधायी सत्र में घोषित नीतियों से स्थिर और स्वस्थ वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा. इन नीतियों में डेवलपर्स के लिए वित्तपोषण बढ़ाने और अधिक किफायती आवास बनाने की बात शामिल है.
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