नई दिल्ली (New Delhi)। रवि किशन इन दिनों फिल्म और वेब सीरीज (web series)के लिए खूब तारीफें बटोर रहे हैं। किरण राव के डायरेक्शन (Kiran Rao’s direction)में बनी लापता लेडीज (missing ladies)में वह अहम भूमिका में हैं। फिल्म सिनेमाघरों (movie theaters)में लगी हुई है। इसके अलावा उनकी वेब सीरीज मामला लीगल है नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गया है। जिसमें वह एक वकील की भूमिका में हैं। रवि किशन इन दिनों प्रमोशन में बिजी हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके पिता के साथ रिश्ते अच्छे नहीं थे। वह उनकी बहुत पिटाई करते थे। घर से भाग जाने में उनकी मां ने मदद की और तब वह मुंबई पहुंचे।
घर पर होती थी पिटाई
रवि किशन ने ब्रूट से बातचीत में अपने पिता के बारे कहा, ‘वह एक पुजारी थे और एक ब्राह्मण होने के नाते वह हमेशा चाहते थे कि मैं धार्मिक कार्य, खेती या सरकारी नौकरी करूं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक कलाकार उनके परिवार में, उनके घर में पैदा हो सकता है। रामलीला में डांस करना या सीता का रोल करना, उनके लिए 360 डिग्री का झटका था। वह गुस्से वाले थे। वह सही थे। वह मारते थे और मैं सीखता था। वह मारते थे और मैंने जिंदगी को सीखा। उनकी हर मार मेरे लिए सीख की तरह थी। जिंदगी की सीख थी। इस वजह से रवि किशन बना।’
पिता को बाद में हुआ गर्व
रवि किशन ने आगे कहा, ‘वह जैसे भी थे मेरे गुरु थे। वह अब दुनिया में नहीं हैं लेकिन आखिर में वह बहुत खुश थे। जब मैंने बहुत पैसे कमाए। मौत से पहले उनकी आंख में आंसू भी थे कि तुम हमारे गौरव हो। हमें गर्व है।’
कैसे घर से मुंबई पहुंचे
घर से 500 रुपये लेकर रवि किशन मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने मुंबई पहुंचने के सफर पर कहा, ‘मेरी मॉम ने दिया (पैसे) था। पापा मार देते हमको जान से। तो मॉम ने हमको भगाया गांव से। मैं जान बचा के भागा था। क्लियर था कि किस्मत जब लिखते हैं ना… जो मेरा मानना है कि सारी चीजें पहले से लिखित हैं। अगर मैं बगैर किसी डांस टीचर के डांसर बन गया, मेरी आवाज ऐसी होने लगी या मैं चीजों को समझने लगा, मैं जिंदगी की सीख को समझने लगा। एक्टिंग या मेरी मेमोरी पावर स्ट्रॉन्ग होने लगी तो यही था कि मुझे सिनेमा में, क्रिएटिव फील्ड में ही जाना है और मुझे उसमें जाना था और मैं लड़ता रहा, लड़ता रहा। वहां पे भी एक लंबी लड़ाई लड़ी।’
भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार रवि किशन का परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है।
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