इंदौर। पिछले लोकसभा चुनाव के मतदान वाले दिन एक भाजपा कार्यकर्ता की दिनदहाड़े गोली मारकर की गई हत्या के तीन आरोपियों को पुलिस सजा नहीं दिलवा पाई। उल्लेखनीय बात यह है कि राजनीतिक विवाद से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में इस केस की विवेचना की गई थी, परंतु साक्ष्य के अभाव में विशेष न्यायाधीश मनोजकुमार तिवारी की कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया। जो आरोपी दोषमुक्त हुए उनमें अरुण शर्मा और उसके दो बेटे नवीन और पंकज सभी निवासी पालिया, हातोद हैं। सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर ने आरोपियों की ओर से पैरवी की। घटना 19 मई 2019 को शाम करीब 5 बजे हातोद थाना क्षेत्र के ग्राम पालिया की है। इस दिन लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। घटनाक्रम के मुताबिक पालिया में रहने वाला राहुल तंवर दोपहर में मतदान कर घर की ओर लौट रहा था।
रास्ते में उसका आरोपी अरुण शर्मा से वोट डालने को लेकर विवाद हुआ। झगड़ा ज्यादा बढ़ा तो राहुल के पिता नेमीचंद तंवर और भाई बसंत भी मौके पर पहुंचे और झगड़ा सुलझाकर घर लौट आए। आरोप था कि शाम को आरोपी अरुण अपने बेटों नवीन और पंकज के साथ फिर राहुल के घर आया तो राहुल नहीं मिला। वहां फिर हुए विवाद के दौरान उसके पिता नेमीचंद तंवर को गोली मार दी गई। गोली के छर्रे राहुल की मां पुष्पाबाई और भाई बसंत को भी लगे। तीनों को इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां नेमीचंद की मौत हो गई थी। मृतक भाजपा कार्यकर्ता और आरोपी कांग्रेस से जुड़े बताए गए थे। इस घटना के विरोध में चक्काजाम और प्रदर्शन भी हुआ था।
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