जेल प्रशासन ने की विशेष व्यवस्था, इबादत भी बैरकों में
इंदौर। रमजान माह (Ramjan) में मुस्लिम समाज जहां एक ओर रोजे रख इबादत कर रहा है, वहीं दूसरी ओर गंभीर अपराधों में सजा का काट रहे बदमाश भी जेलों (Jail) में रोजे रखकर इबादत कर रहे हैं। महिलाएं भी इस मामले में अव्वल हैं। दोनों जेलों में जेल प्रशासन ने रोजेदारों के लिए अलग से विशेष व्यवस्था की है।
करीब 365 बंदी रोजे रख रहे हैं। सेंट्रल जेल में 200 बंदी, जिनमें 12 महिलाएं भी शामिल हैं, रोजे रख रहे हैं। यहां सुबह साढ़े चार बजे सेहरी के लिए उन्हें भोजन दिया जाता है और शाम के वक्त खजूर दी जाती है। जो कैदी रोजे रख रहे हैं, उनमें ज्यादातर आजीवन कारावास के बंदी हैं। चक्कर अधिकारी दिनेश दांगी ने बताया कि सुबह 4 बजे से इनके लिए भोजन तैयार कराया जाता है। दो बैरकों में इन बंदियों को रखा जा रहा है, जो शाम के वक्त बैरकों में और दोपहर में जेल में बनी दो मस्जिदों में नमाज अता करते हैं। इसके अलावा जिला जेल में 165 कैदी, जिनमें 10 महिलाएं भी शामिल हैं, रोजे रख रहे हैं। यहां भी इन्हें अलग-अलग बैरकों में रखा जा रहा है, जो पूरे रमजान माह में रोजे रखकर इबादत करते रहेंगे।
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