नई दिल्ली (New Delhi)। राजनीतिक दलों (Political parties) को गोपनीय चंदा (Confidential donation) देने वाली चुनावी बॉन्ड योजना (Electoral Bond Scheme) में शीर्ष तीन खरीदारों ने कुल 2,744 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। निर्वाचन आयोग (Election Commission) की वेबसाइट पर जारी ब्योरे में स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल (Steel King Lakshmi Mittal) के अलावा सुनील मित्तल (Sunil Mittal) की भारती एयरटेल (Bharti Airtel), अनिल अग्रवाल की वेदांता लि., आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों के नाम हैं।
सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) के आदेश पर बुधवार को एसबीआई से जानकारी मिलने के बाद आयोग ने शीर्ष कोर्ट की 15 मार्च की समयसीमा से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को ही पूरा ब्योरा अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया। पूरी जानकारी दो भाग में है। पहले भाग में तिथिवार बॉन्ड खरीदने वालों के नाम और बॉन्ड की राशि दर्ज है। दूसरे में तिथिवार बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों के नाम दिए गए हैं। चुनावी बांड के माध्यम से दान देने वाले व्यक्तियों में किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बीके गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका के भी नाम शामिल हैं।
एडीआर की रिपोर्ट में है यह दावा
16,518 करोड़ रुपये के कुल 28,030 चुनावी बांड बेचे गए
भाजपा को 6,566 करोड़ रुपये चंदा मिला
कांग्रेस को 1,123 करोड़ (मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक के आंकड़े)
अन्जान कंपनी फ्यूचर गेमिंग ने सबसे अधिक 1,368 करोड़ के बॉन्ड खरीदे
दिलचस्प तथ्य है कि शीर्ष तीन में दो कंपनियां ऐसी हैं, जिनका नाम आम लोगों ने शायद ही सुना हो। लुधियाना की लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस ने सबसे अधिक 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। यह कंपनी 2022 में तब चर्चा में आई, जब प्रवर्तन निदेशालय ने इसकी विभिन्न इकाइयों के 409 करोड़ की परिसंपत्तियां जब्त कर ली थी। हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग व इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 966 करोड़ का चंदा दिया है। तीसरे नंबर पर मुंबई की कंपनी क्विक सप्लाई चेन है, जिसने 410 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। शीर्ष दस कंपनियों में वेदांता, हल्दिया एनर्जी, भारती एयरटेल, एस्सेल माइनिंग, वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन, केवेंटर फुडपार्क इंफ्रा और मदनलाल लि. के नाम हैं।
ये हैं देश के शीर्ष 10 चुनावी दानकर्ता
– फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस- 1,368
– मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर- 966
– क्विक सप्लाई चेन- 410
– वेदांता लि.- 398
– हल्दिया एनर्जी लि.- 377
– भारती ग्रुप- 247
– एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज- 224
– वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन- 220
– केवेंटर फुडपार्क इंफ्रा लि.- 195
– मदनलाल लि.- 185
(राशि करोड़ रुपये में)
ये हैं प्रमुख खरीददार कंपनियां
प्रमुख बॉन्ड खरीदारों में स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर शामिल हैं। इनके अलावा केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सीएट टायर्स, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला और अल्ट्राटेक सीमेंट ने भी बड़ी मात्रा में बॉन्ड खरीदे।
इन पार्टियों ने बॉन्ड भुनाए
बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों में भाजपा, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, आप, समाजवादी पार्टी प्रमुख हैं। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस, बीजद, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और जन सेना पार्टी भी शामिल हैं।
किस बॉन्ड को कौन सी पार्टी ने भुनाया इसकी जानकारी नहीं
पूरे ब्योरे में इस बात की जानकारी नहीं है कि किस बॉन्ड को कौनसी पार्टी ने भुनाया है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि किसने किस पार्टी को चंदा दिया। 5 जनवरी से 10 जनवरी 2022 के बीच कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना, तृणमूल तकरीबन सभी पार्टियों ने चुनावी बॉन्ड भुनाए हैं। ये जरूर है कि सबसे बड़ी राशि भाजपा ने भुनाई है। लेकिन ये कोई छिपा तथ्य नहीं है कि चुनावी बॉन्ड योजना में सबसे अधिक करीब 80 फीसदी चंदा भाजपा को मिला है।
गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल ने खरीदे 162 बॉन्ड, ज्यादातर 1 करोड़ के
गाजियाबाद स्थित यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने 162 बॉन्ड खरीदे, जिनमें से ज्यादातर 1 करोड़ रुपये के थे। वहीं बजाज ऑटो ने 18 करोड़ रुपये, बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये, इंडिगो की तीन कंपनियों ने 36 करोड़ रुपये, स्पाइसजेट ने 65 लाख रुपये और इंडिगो के राहुल भाटिया ने 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। मुंबई स्थित क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रुपये और हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये के बांड खरीदे।
कांग्रेस, सपा ने अध्यक्ष के नाम पर भुनाए
अधिकांश बॉन्ड जहां राजनीतिक दलों के नाम पर जारी किए गए हैं, कांग्रेस व समाजवादी पार्टी को दिया गया चंदा क्रमश: ‘अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी’ और ‘अध्यक्ष समाजवादी पार्टी’ के नाम पर दिया गया।
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