लाखों रुपए की बर्बादी आयोजनों में ही, धड़ल्ले से कागजी टेंडर भी जारी, कोई ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं, कल भी 24 करोड़ से अधिक के कार्यों की कर डाली घोषणाएं
इंदौर। पहले विधानसभा चुनाव (assembly elections) के चलते निगम ने करोड़ों के काम करवा लिए, जिसके भुगतान के लिए ठेकेदार अब चक्कर काट रहे हैं और सबसे बड़े ठेकेदार पप्पू भाटिया ने तो आत्महत्या ही कर ली। वहीं अब लोकसभा चुनाव के चलते सभी विधानसभा क्षेत्रों में करोड़ों रुपए के भूमिपूजन-शिलान्यास (foundation stone laying ceremony) के काम धड़ल्ले से होने लगे। निगम खजाने में भले ही कौड़ी ना हो, मगर करोड़ों के विकास कार्यों के भूमिपूजन के आयोजनों में लाखों रुपए की राशि फूंकी जा रही है। कल भी 25 करोड़ रुपए के कई बड़े-बड़े कार्यों की घोषणाएं कर डाली। जबकि इनसे जुड़े अधिकांश टेंडर ही कोई ठेकेदार लेने को तैयार नहीं है। बीते सालभर में जितने भी भूमिपूजन और शिलान्यास हुए हैं उनमें से अधिकांश काम या तो ठप पड़े हैं या शुरू ही नहीं हो सके। सिर्फ पुराने ही कुछ कामों के लोकार्पण किए जा रहे हैं।
एक तरफ नगर निगम की माली हालत अत्यंत खस्ता है और उसे अभी हर महीने वेतन बांटने के ही लाले पड़ जाते हैं। अगर इंदौर विकास प्राधिकरण हर महीने नगर निगम को सम्पत्ति या अन्य राशि के 4-5 करोड़ रुपए के चेक ना दे तो वेतन भी नहीं बंट सके। रोजाना समाचार-पत्रों में वार्डवार होने वाले विकास कार्यों के टेंडरों का प्रकाशन होता है, जिनमें यह भी लिखा रहता है कि तीसरी या चौथी बार टेंडर बुलाए जा रहे हैं। चूंकि इंदौर की सभी 9 विधानसभा पर भाजपा विधायकों का कब्जा है और 85 में से अधिकांश वार्डों में भी भाजपा पार्षद चुनाव जीते हैं और अब तो इंदौर के ही विधायक कैलाश विजयवर्गीय नगरीय विकास और आवास मंत्री भी बन गए हैं, जिसके चलते अब हर वार्ड में लाखों-करोड़ों रुपए के काम निकाल लिए, जिन्हें महापौर परिषद् से भी मंजूर करा लिया जाता है और टेंडर भी जारी होते हैं। कुछ ठेकेदारों से ये काम शुरू भी कराए जाते हैं। मगर थोड़े दिन बाद जब कोई राशि नहीं मिलती तो ठेकेदार काम रोक देता है। सडक़, नर्मदा लाइन, ड्रैनेज से लेकर तमाम कार्य शहरभर में इसी तरह रूके पड़े हैं और कल भी 24 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के भूमिपूजन मंत्री की मौजूदगी में महापौर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने कर डाले, जिसमें साढ़े 8 करोड़ रुपए से अधिक की सडक़ और भंवरकुआ चौराहा से आईटी पार्क चौराहा तक और तेजाजी नगर तक अंडरपास, जिस पर साढ़े 6 करोड़ खर्च होंगे, के अलावा डेढ़ करोड़ की कुमार भट्टी पुलिया तक सीवरेज कार्य सहित अन्य कार्यों के भूमिपूजन किए गए।
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