बैंकॉक (Bangkok)। थाईलैंड (Thailand) के उबोन रत्चाथानी (Ubon Ratchathani) में मंगलवार को हजारों भक्तों ने भगवान बुद्ध (Lord Buddha) और उनके दो शिष्यों (his two disciples) के पवित्र अवशेषों को सम्मान दिया। प्रदर्शनी के अंतिम दिन पवित्र अवशेषों के दर्शन करने के लिए भक्त उबोन रत्चाथानी में वाट महा वानाराम (Wat Maha Vanaram) पहुंचे।
थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘आज दो लाख से अधिक श्रद्धालु उबोन रत्चाथानी में वाट महा वानारम में भारत के पवित्र अवशेषों के दर्शन के लिए पहुंचे। बता दें कि पवित्र अवशेषों की क्राबी की यात्रा से पहले कल उबोन रत्चाथानी में प्रदर्शनी का आखिरी दिन है।’
भारतीय दूतावास ने पोस्ट में आगे लिखा, ‘भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों अरहंत सारिपुत्त और अरहंत महा मोग्गलाना के पवित्र अवशेष पूर्वोत्तर थाईलैंड के एक शहर उबॉन रत्चथानी पहुंचे। ये अवशेष 10 से 13 मार्च तक वाट महा वानारम में रखे रहेंगे।’ इससे पहले, पवित्र अवशेष चियांग माई शहर में थे, जहां हजारों भक्त दर्शन के लिए एकत्र हुए थे।
भारतीय दूतावास ने थाईलैंड के समर्थन को सराहा
वहीं, भारतीय दूतावास ने मौजूदा प्रदर्शनी के दौरान थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन और उनकी सरकार के निरंतर समर्थन की सराहना की और कहा कि इससे दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध और गहरे होंगे।
बता दें कि इससे पहले पवित्र अवशेषों के दर्शन के लिए 23 फरवरी से 3 मार्च तक लगभग दस लाख श्रद्धालु बैंकॉक में एकत्र हुए थे, जिसको लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और थाईलैंड के बीच गहरे आध्यात्मिक संबंध की सराहना की थी।
थाईलैंड के चार शहरों में 25-दिवसीय प्रदर्शनी में रखे गए अवशेषों को बैंकॉक में रहने के दौरान सनम लुआंग रॉयल पैलेस मैदान में एक विशेष रूप से निर्मित मंडप में सार्वजनिक पूजा के लिए रखा गया था।
क्राबी भेजे जाएंगे अवशेष
बैंकॉक, चियांग माई, उबोन रतचथानी शहरों में प्रदर्शनी के बाद, अवशेषों को क्राबी भेजा जाएगा। इसके बाद 14-18 मार्च तक क्राबी में इनकी प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। पवित्र अवशेषों को 19 मार्च को थाईलैंड से उनके संबंधित घरों तक वापस ले जाया जाएगा, जिससे थाईलैंड में एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध प्रदर्शनी का समापन होगा।
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