नई दिल्ली(New Delhi)। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court)ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के आय कर वसूली मामले (recovery cases)में कांग्रेस की याचिका (petition)पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित (decision reserved)रख लिया लेकिन इस बात पर अचरज जताया कि 2021 में टैक्स डिमांड का नोटिस मिलने के बाद पार्टी ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया। पीठ ने याचिकाकर्ता कांग्रेस पर टिप्पणी की कि तीन साल बीत गए, अब जाकर नींद टूटी है।
जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस पुरूषेन्द्र कुमार कौरव की पीठ ने कांग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा की दलीलें सुनने के बाद यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, ‘ये टैक्स डिमांड 2021 का है…ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता के दफ्तर में लोग सो रहे थे।” अदालत बुधवार को मामले में फैसला सुनाएगी। कांग्रेस ने इनकम टैक्स अपील ट्रिब्यूनल (ITAT) के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाये की वसूली के लिए इनकम टैक्स विभाग द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।
ट्रिब्यूनल ने 8 मार्च को कांग्रेस की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उसके खिलाफ बकाया राशि की वसूली के लिये कार्यवाही शुरू करने वाले इनकम टैक्स के 13 फरवरी के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इसके बाद कांग्रेस ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आयकर अधिकारी ने आकलन वर्ष 2018-19 (वित्तीय वर्ष 2017-18) के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स चुकाने को कहा था, क्योंकि उस वर्ष पार्टी की आय 199 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई थी।
कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने अदालत से आग्रह किया कि पार्टी को कुछ राहत दी जाए, अन्यथा पार्टी धराशायी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए अगले कुछ दिनों में अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है और पार्टी काफी दबाव में है, क्योंकि उसके बैंक खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी गई है।
पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि हालांकि यह कर मांग 2021 में की गयी थी, लेकिन पार्टी ने इस मुद्दे के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जिसे बहुत ही खराब तरीके से निपटा गया तथा कांग्रेस कार्यालय के लोग 2021 से ही सो रहे थे। पीठ ने कहा, ‘‘सिर्फ इसलिए कि किसी ने आपको फरवरी में नोटिस देने का फैसला किया, तथ्य नहीं बदल जाएंगे।’’ इसने कहा कि अपीलीय अधिकरण ने एक संतुलित और प्रशंसनीय दृष्टिकोण अपनाया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता ज़ोहेब हुसैन ने दलील दी कि हालांकि कांग्रेस को 2021 में कर देनदारी का 20 प्रतिशत भुगतान करने का विकल्प दिया गया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हुसैन ने कहा कि यदि आयकर दाता पेशकश के समय कर मांग का 20 प्रतिशत जमा करने की सुविधा का लाभ नहीं उठाता है, तो पूरी राशि वसूली योग्य हो जाती है।
उन्होंने कहा कि ऐसी धारणा बनाई जा रही है कि आयकर विभाग चुनाव से ठीक पहले कर की वसूली कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह एक नियमित प्रक्रिया है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।’’
आयकर विभाग की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि मूल कर मांग 102 करोड़ रुपये थी और ब्याज के साथ यह 135.06 करोड़ रुपये हो गई। उन्होंने कहा कि अब तक 65.94 करोड़ रुपये वसूल किये जा चुके हैं। कांग्रेस के वकील ने कहा कि आयकर अधिकारियों ने पार्टी के पिछले 7-8 वर्षों के कर मूल्यांकन को फिर से खोल दिया है।
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