देवी अहिल्या हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर के संचालक पर देर रात कार्रवाई
इंदौर। बिना डिग्री (without degree) से केंसर मरीजों का इलाज करने के मामले में बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग की टीम (health department team) ने चितावद के देवी अहिल्या हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर (Devi Ahilya Hospital and Research Center) को सील किया था। उसके संचालक अजय हार्डिया पर कल रात को भंवरकुआं थाने में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने केस दर्ज करवाया। खुद को डॉक्टर बताने वाले अजय हार्डिया पर अलग-अलग धाराओं में हुई यह 6 ठी एफआईआर है। [relpsot]
इससे पहले हार्डिया पर भंवरकुआं थाने में ही तीन, संयोगितागंज थाने में एक और शिप्रा थाने में एक एफआईआर दर्ज है। हार्डिया के पास बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो हौम्योपैथी की डिग्री है। उक्त डिग्री लेने वाला एलैपैथी इलाज नही कर सकता है। सीएम हाउस में हुई शिकायत के बाद स्वास्थय विभाग ने हार्डिया के अस्पताल पर कार्रवाई की थी। हार्डिया पैरामेडिकल टेक्नॉलाजी आर्गोनाइजेशन ऑफ एमपी नाम से संस्था भी चलाता है। इसकी आड़ में उसने शिप्रा में मेडिकल कॉलेज भी खोला है। उक्त कॉलेज की जमीन को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। आदीवासी की जमीन पर उसने अपने नाम से कॉलेज खोल रखा है। छात्रवृति घोटाले की जब रिकवरी हार्डिया पर निकली तो उसने अधिकिारियों से मिलीभगत कर शिप्रा वाले कॉलेज के माध्यम से यह रिकवरी करवाने की सेटिंग की थी। लेकिन तत्कालिन कलेक्टर टी इलैया राजा ने उस दौरान यह रिकवरी रुकवाई थी। क्योंकी उक्त कॉलेज की जमीन किसी और की है। ऐसे में यहां से रिकवरी नही हो सकती थी।
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