इन्दौर। तीन साल पहले मानसिकता विक्षिप्तता के चलते घर से बिछड़ी महिला को आखिरकार परिवार मिल गया। चार बच्चों ने तीन साल बाद जहां मां को गले लगाया तो वहीं पति ने देखते ही मांग भरी। घर के पीछे स्थित रेलवे स्टेशन से सालों पहले गायब हुई महिला को इंदौर के युवाओं ने आखिरकार परिवार से मिला ही दिया। जिस महिला को परिवार मृत मान चुका था, उसे जीवित देख खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
जाको राके साइयां मार सके न कोय… यह उक्ति इंदौर में सही होते नजर आई। जिस महिला को तीन साल पहले परिवार मृत मानकर मिलने की आस छोड़ चुका था, कल उसे न केवल परिवार नसीब हुआ, बल्कि चार बच्चों को एक बार फि र मां के आंचल की छांव मिल गई। बिंदु यादव के पति मनोज ने बताया कि 19 दिसंबर 2021 से पत्नी गायब हो गई थी। काफी खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिली तो पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। तीन साल से खुद भी ढूंढ रहे थे। चार बच्चों का मां के बिना बूरा हाल था।
इंदौर के युवाओं को मिली हाई-वे पर
2023 में इंदौरी युवा जय जोशी, करीम पठान, सुरेश नौरे, अजय नागदा, फिरोज पठान भोपाल से इंदौर आ रहे थे, जहां रास्ते में महिला दौलतपुर गांव के पास हाईवे पर विक्षिप्त अवस्था में मिली। काफी पूछताछ करने के बाद भी जब महिला अपना पता नहीं बता पाई तो युवाओं ने उसे इंदौर के मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया। काफी लंबे समय तक इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो उसे तेजाजी नगर स्थित अंतर बोधाश्रम में भर्ती कराया गया। गुमसुम रहने वाली बिंदु ने महिला सदस्यों से घुलने-मिलने के बाद पटना का जिक्र किया, जिसके बाद खोजबीन शुरू हुई।
आठ माह लगे परिवार खोजने में
करीम पठान ने जानकारी देते हुए बताया कि आठ माह लगातार चले इलाज के बाद महिला ने पटना का नाम लिया, जिसके बाद टीम ने फोटो और वीडिया बिहार राज्य में साथियों की मदद से सोशल मीडिया पर वायरल किए। कुछ ही दिनों के बाद अचानक मनोज का फोन आया और उसने रोते हुए अपनी पत्नी के लापता होने की कहानी बताई। आखिरकार कल मनोज अपने बच्चों के साथ पत्नी को लेने शहर आया और आते ही मांग भरी। मनोज के अनुसार, मां के जिंदा होने की खबर पाते ही बच्चे बिलख उठे और मां से मिलने के लिए व्याकुल हो उठे। पति के इंदौर पहुंचते ही पहली बार बिंदु के चहरे पर स्माइल आई और आखिरकार महिला दिवस के दिन परिवार पटना से 90 किलोमीटर दूर स्थित औंटा लौट गया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved