इन्दौर। इंदौर कांग्रेस के दो कद्दावर कांग्रेसी नेताओं के टूूटने के बाद पार्टी को एक बड़ा नुकसान तो हुआ है, लेकिन विधानसभा चुनाव हार चुके दोनों नेताओं को पार्टी क्या जवाबदारी देगी, इस बारे में अभी तय नहीं हो पाया है। भाजपा के पदाधिकारियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद ही विशाल पटेल और संजय शुक्ला की भूमिका तय की जाएगी। हालांकि अभी भी कांग्रेस से भाजपा में आए कई नेताओं को अपना मुकाम नहीं मिल पाया है। कुछ खास नेताओं को ही पार्टी की नगर टीम में जगह मिली तो तुलसी सिलावट मंत्री और योगेश गेंदर तथा मनोज मिश्रा जैसे नेताओं को पार्षद का चुनाव लड़वाया गया।
बाकी कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेताओं को अभी तक भाजपा ने कोई बड़ी जवाबदारी नहीं दी है। कल विशाल पटेल और संजय शुक्ला के पार्टी में आने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं चलने लगीं। चूंकि दोनों ही नेता कांग्रेस के बड़े और कद्दावर नेता रहे हैं, इसलिए उन्हें स्थानीय स्तर पर तो कोई पद नहीं दिया जाएगा। अगर दोनों नेताओं के कद की बात की जाए तो उन्हें प्रदेश कार्यसमिति में मनोनीत किया जा सकता है। वैसे भी दोनों नेताओं को अब भाजपा की रीति-नीति सीखना होगी। भले ही संजय शुक्ला कह रहे हैं कि मंै अपने परिवार में लौट आया हूं, लेकिन आज तक उन्होंने पार्टी का काम नहीं किया है। यही स्थिति विशाल पटेल की भी है। वे भी देपालपुर में ही बंधकर रह गए थे। उनके पिता जगदीश पटेल यहां से विधायक रहे हैं और उनकी मां सुलोचना पटेल भी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। एक तरह से उनका अभी तक का पूरा जीवन कांगे्रस में ही बीता है तो उन्हें भी भाजपा से बहुत कुछ सीखना होगा। इसलिए माना जा रहा है कि दोनों नेताओं को लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार में शामिल किया जाएगा और उसके बाद ही कुछ जवाबदारी दी जा सकती है।
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