नई दिल्ली (New Dehli)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)से ठीक पहले ही निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल(Election Commissioner Arun Goyal) के इस्तीफे से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। उनका अभी तीन साल का कार्यकाल बाकी (term left)था। उनके इस्तीफे की वजह (reason for resignation)अब तक साफ नहीं हो पाई है। गोयल का इस्तीफा भी ऐसे समय में हुआ है जब चुनाव आयोग का तीन सदस्यीय पैनल केवल दो सदस्यों के साथ ही चल रहा था। चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय फरवरी में ही रिटायर हो गए थे। ऐसे में भारतीय निर्वाचन आयोग मे अब सिर्फ एक ही निर्वाचन आयुक्त हैं। अब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही इस पैनल में शेष हैं।
कौन हैं अरुण गोयल
अरुण गोयल एक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें नवंबर 2022 में निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्ति किया गया था। उनकी नियुक्ति पर भी कई तरह के सवाल उठाए गए थे। दरअसल उन्होंने प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। उस वक्त वह भारी उद्योग विभाग में सचिव हुआ करते थे। उनके रिटायरमेंट के एक दिन बाद ही उन्हें निर्वाचन आयुक्त बना दिया गया था।
अरुण गोयल का जन्म 7 दिसंबर 1962 को पटियाला में हुआ था। वह पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे। गोयल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से डिवेलपमेंट इकनॉमिक्स में ग्रैजुएट हैं। इसके अलावा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई कर चुके हैं। भारी उद्योग मंत्रालय में रहते हुए गोयल ने भारत में ई-व्हीकर के लिए काफी काम किया। उन्होंने प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव योजना की शुरुआत की।
वह लुधियाना और बठिंडा जिलों में निर्वाचन अधिकारी के पद पर भी काम कर चुके हैं। पंजाब के प्रधान सचिव रहते हुए उन्होंने नए चंडीगढ़ और अन्य कई शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया था। 2022 में चुनाव आयोग में आने के बाद विवाद हो गया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। उनकी नियुक्ति में की गई जल्दबाजी पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि शीर्ष न्यायालय ने इसमें दखल देने से इनकार कर दिया।
बता दें कि निर्वाचन आयोग में रहते हुए वह किसी तरह के विवाद में नहीं रहे। वहीं बात करें लोकसभा चुनाव की तो कहा जा रहा है कि अरुण गोयल के इस्तीफे से लोकसभा चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि अब चुनाव की जिम्मेदारी मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के ही कंधे पर आ गई है।
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