नई दिल्ली। किसान आंदोलन (farmers movement) को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के तहत काम करने वाली खुफिया एजेंसी (intelligence Agency) को जो अलर्ट मिल रहे हैं, उससे दिल्ली की चिंता बढ़ गई है। दिल्ली सहित पांच राज्यों की पुलिस, एक ही प्लान पर काम कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी की तरफ बढ़ रहे किसानों को जंतर-मंतर तक न पहुंचने दिया जाए, पुलिस इसी एंगल पर काम कर रही है। किसान संगठनों (farmer organizations) ने दस मार्च को चार घंटे तक रेल रोकने का आह्वान किया है। उसके बाद 14 मार्च को रामलीला मैदान में किसान महापंचायत करने की बात कही है। हालांकि इस बार किसान, ट्रैक्टर के बिना ही दिल्ली पहुंच रहे हैं। खुफिया एजेंसी के अलर्ट पर रेल, मेट्रो और दूसरे सार्वजनिक परिवहन के साधन, पुलिस के रडार पर हैं। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी और राजस्थान पुलिस, अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है।
सूत्रों का कहना है कि इस बार पुलिस के लिए किसानों को संभालना एक बड़ा टॉस्क है। वजह, वे ट्रैक्टर से दिल्ली नहीं आ रहे हैं। हरियाणा-पंजाब के हजारों किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। वहां से किसानों की एक बड़ी संख्या, दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी है। राजस्थान और मध्यप्रदेश से भी किसानों के दिल्ली पहुंचने की बात कही जा रही है। किसानों को सार्वजनिक परिवहन की बसों, रेल व मेट्रो के जरिए, दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंचने के लिए कहा गया है। दिल्ली पहुंचने के लिए किसानों ने निजी परिवहन, मसलन कार, जीप व छोटी बसों का भी प्रबंध किया है। ऐसे में पुलिस के लिए किसानों को जंतर-मंतर तक पहुंचने से रोकना, एक बड़ी चुनौती है। हालांकि पुलिस ने आधिकारिक तौर पर यह नहीं कहा है कि वह किसानों को जंतर-मंतर पर पहुंचने से रोक रही है, लेकिन वहां पर धारा-144 लागू की गई है। किसी को प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है।
ऐसे खुफिया अलर्ट भी सामने आए हैं कि दिल्ली में एंट्री करने के बाद किसान, हुड़दंग मचा सकते हैं। वे प्रधानमंत्री आवास, केंद्रीय गृह मंत्री आवास और दूसरे वीवीआईपी के घरों के सामने प्रदर्शन कर सकते हैं। नई दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। ऐसे में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी और राजस्थान पुलिस को सतर्क किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसानों की बड़ी संख्या दिल्ली की तरफ न आने पाए। इसके लिए रेलवे, मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन की बसों में चेकिंग बढ़ाई जा रही है। निजी वाहनों की गहन जांच पड़ताल करने के लिए कहा गया है। हालांकि किसान संगठनों ने पहले छह मार्च को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया था, लेकिन बाद में यह कहा गया कि देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान, दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं, ऐसे में छह मार्च को उनका जंतर मंतर पर पहुंचना मुश्किल है। उन्हें वहां तक पहुंचने में तीन चार दिन लग सकते हैं।
‘पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति’ के पदाधिकारी सरवन सिंह पंधेर का कहना था, पहले एलान किया गया था कि छह मार्च को दिल्ली में सभी राज्यों के किसान शामिल होंगे। बाद में उन्होंने कहा, सभी राज्यों के किसानों का छह मार्च तक दिल्ली पहुंचना संभव नहीं है। वजह, उन्हें दिल्ली तक आने में कई दिन लगेंगे। इस बाबत 10 मार्च तक स्थिति साफ हो जाएगी। किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पुलिस एवं केंद्रीय बलों को अलर्ट किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी से लगते बॉर्डर पर विशेष निगरानी की जा रही है। बॉर्डर के आसपास ऐसे स्थानों की पहचान की गई है, जहां पर किसान ठहर सकते हैं।
इसके अलावा दिल्ली के भीतर किसानों के ठहरने के संभावित स्थानों पर भी पुलिस तैनात है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर, दिल्ली में कई जगहों पर धारा-144 लागू कर दी गई है। किसी को भी प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। रेलवे, मेट्रो स्टेशन और बस अड्डों पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात की गई है। 14 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा ने रामलीला मैदान में किसान महापंचायत बुलाई है। किसान संगठनों की तरफ से कहा गया है कि महापंचायत में किसान, ट्रैक्टर लेकर नहीं आएंगे। वे सार्वजनिक परिवहन के जरिए ही महापंचायत में पहुंचेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved