नई दिल्ली (New Delhi) । एक पाकिस्तानी अदालत (pakistani court) ने पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) और उनकी पत्नियों के बारे में अपमानजनक वॉट्सएप मैसेज (abusive whatsapp message) पर ईशनिंदा के लिए एक 22 वर्षीय छात्र को मौत की सजा सुनाई है, जबकि एक किशोर को आजीवन कारावास की सजा दी है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र की एक प्रांतीय अदालत ने उन्हें मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से ईशनिंदा वाली तस्वीरें और वीडियो साझा करने का दोषी पाया. हालांकि दोनों ही छात्रों ने आरोपों से इनकार किया है. पाकिस्तान में ईशनिंदा के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है. यहां तक कि कुछ व्यक्तियों को उनके मुकदमे से पहले ही पीट-पीटकर मार डाला जाता है.
पंजाब प्रांत का यह मामला एक महीने से भी कम समय बाद आया है, जब गुस्साई भीड़ ने एक महिला पर अरबी सुलेख से सजी पोशाक पहनने के लिए ईशनिंदा का आरोप लगाया था. लोगों ने उसे कुरान की आयतें समझ लिया था. नवीनतम शिकायत लाहौर में देश की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की साइबर अपराध इकाई से उत्पन्न हुई, जिसने मामले को गुजरांवाला की एक स्थानीय अदालत में भेज दिया.फैसले में पाक न्यायाधीशों ने निर्धारित किया कि 22 वर्षीय छात्र ने पैगंबर मुहम्मद और उनकी पत्नियों के बारे में अपमानजनक सामग्री वाली तस्वीरें और वीडियो तैयार किए, जिसके कारण उसे मौत की सजा दी गई.
इस्लामिक देश में ईशनिंदा कानून शुरू में ब्रिटिश शासन के दौरान पेश किया गया था और 1980 के दशक में सैन्य सरकार के तहत इसका विस्तार किया गया. पिछले अगस्त में एक अलग घटना में, दो ईसाई पुरुषों के खिलाफ कुरान को नुकसान पहुंचाने के आरोप के बाद जारनवाला में कई चर्चों और घरों में आग लगा दी गई थी. पिछले महीने शुक्रवार को पाकिस्तानी इस्लामी पार्टियों के सैकड़ों समर्थकों ने देश के मुख्य न्यायाधीश की निंदनीय टिप्पणियों के विरोध में रैली निकाली थी.
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