डेस्क। इंग्लैंड (England) के खिलाफ मौजूदा सीरीज के दौरान नियमित तौर पर प्लेइंग-11 में जगह मिलने से चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) का आत्मविश्वास बढ़ा है। इस बाएं हाथ के रिस्ट स्पिनर का मानना है कि लगातार मौके मिलने से वह खेल को ज्यादा बेहतर तरीके से समझ रहे हैं और पहले से ज्यादा मजबूत हो गए हैं। कुलदीप ने 2017 में धर्मशाला में ही टेस्ट डेब्यू किया था और पिछले सात वर्षों में वह सिर्फ 12 टेस्ट मैच खेल पाए हैं जिसमें से चार इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के दौरान लगातार खेले हैं।
पांचवें टेस्ट के पहले दिन कुलदीप ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस नहस कर दिया और पांच विकेट झटके। उन्होंने कहा, ‘अगर आप नियमित तौर पर खेलते हो तो आप अपनी गेंदबाजी को लेकर आत्मविश्वास से भरे होते हो। खेल जागरूकता भी इसके साथ आती है। नियमित रूप से खेलते रहना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आपकी गेंदबाजी धारदार होती है।
29 वर्षीय कुलदीप को उम्मीद है कि वह दूसरी पारी में और विकेट ले पाएंगे। वह अब तक इस सीरीज में 17 विकेट ले चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट में कम मौके, फिर फॉर्म में गिरावट और इसके बाद घुटने की चोट की सर्जरी ने कुलदीप के करियर को काफी प्रभावित किया। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तकनीक में बदलाव किया। उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में यह काफी चुनौतीपूर्ण था। मैंने अपना एक्शन बदल दिया था। उस लय को खोजने में छह से आठ महीने लग गए। अब चीजें पूरी तरह से तैयार हैं और मैं इसका आनंद ले रहा हूं। रांची में मैंने अपने रन-अप में भी बदलाव किया और क्रीज पर तेजी से पहुंचने की कोशिश की क्योंकि यह एक धीमी सतह थी। मैं नियमित रूप से इसका अभ्यास करता हूं।’
कुलदीप ने पहले दिन लंच ब्रेक तक ही 15 ओवर गेंदबाजी कर चुके थे। उनका कहना है कि वह अपनी बेहतर फिटनेस के कारण ही ऐसा कर पाए हैं। सितंबर 2021 में घुटने की सर्जरी के बाद, कुलदीप ने अपनी फिटनेस में सुधार को लेकर दिनचर्या बदल दी, अपनी गेंद की गति बढ़ाई और अपने रन-अप को सीधा किया। इंग्लैंड को सपाट पिच पर 218 रन पर समेटने में पांच विकेट लेने के बाद कुलदीप ने कहा कि फिटनेस पर उनके काम की वजह से ही वह अब लंबे स्पैल फेंकने में कामयाब हैं।’
उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजी फिटनेस से जुड़ी है। मैंने पिछले 18 महीने में अपनी फिटनेस पर काफी काम किया है। फिटनेस में सुधार के कारण मैं अपनी गेंदबाजी में कुछ बदलाव करने में सफल रहा। मैं अपनी फिटनेस पर कुछ खास चीजें कर रहा हूं जिससे मुझे लंबे स्पैल फेंकने का मौका मिल रहा है। राजकोट (पहली पारी में 12 ओवर) और रांची (दूसरी पारी में 14 ओवर) में भी मैंने लंबे स्पैल किए। मुझे इसकी आदत हो गई है।’
कुलदीप अन्य स्पिनरों की तुलना में सपाट सतहों से अधिक टर्न करा रहे हैं। जैक क्राउली को की गई गेंद इतनी घूमी की वह लाइन मिस कर गए और क्लीन बोल्ड हो गए। गेंद पांचवें ऑफ स्टंप से टर्न हुई और इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज के लेग स्टंप को उखाड़ गई। कुलदीप ने कहा- मैं दोनों तरफ हवा के बहाव का अच्छी तरह से उपयोग कर रहा था। मैं बहुत खुश हूं कि हम उन्हें 218 रन पर आउट करने में सफल रहे क्योंकि यह अच्छा विकेट है। एक स्पिनर के रूप में, आप लेंथ पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अच्छी लेंथ से हिट करने की कोशिश करते हैं। कई बार आप स्थिति के अनुसार योजना बदलते हैं। यदि आपको हवा के बहाव का फायदा मिल रहा है तो आपको लाइन के बारे में भी सोचना होगा। जितना अधिक आप खेलते हैं, इसे नियंत्रित करना उतना ही आसान हो जाता है। गति भी मायने रखती है। अगर आप एक निश्चित गति से गेंदबाजी करते हैं और अपनी गति बदलते हैं, तो बल्लेबाजों के लिए मुश्किल हो जाती है।’
धर्मशाला कुलदीप के लिए खास जगह है क्योंकि उन्होंने 2017 में यहां टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। एक सफल शुरुआत के बाद कुलदीप का करियर उस तेजी से ऊंचाइयों की ओर नहीं बढ़ा। हालांकि अब लगता है कि उन्हें खुद का सबसे अच्छा रूप मिल गया है। उन्होंने कहा, ‘वह एक दिलचस्प दौर था। डेब्यू को सात साल हो चुके हैं। मैं अपनी गेंदबाजी को लेकर काफी परिपक्व हो गया हूं। मैं अब अपने खेल को बेहतर समझता हूं। मुझे पता है कि विकेट को कैसे पढ़ना है। धर्मशाला का विकेट अच्छा है। ठंड के मौसम को देखते हुए इसके टूटने की संभावना नहीं है। पहले घंटे में ठंड थी। गेंद ग्रिप कर रही थी।’
कुलदीप और अश्विन ने चाय के तुरंत बाद इंग्लैंड को ऑल आउट करने के बाद एक मजेदार पल साझा किया था। अश्विन को देखते हुए कि वह अपना 100वां टेस्ट खेल रहे हैं, कुलदीप चाहते थे कि वह गेंद अपने पास रखें। हालांकि, अश्विन ऐसा नहीं करना चाहते थे। अश्विन ने भी इस मैच में चार विकेट लिए थे और कुलदीप को लगा कि 100वें टेस्ट में चार विकेट लेने की वजह से गेंद दिग्गज स्पिनर को देनी चाहिए। हालांकि, अश्विन ने मना कर दिया और दोनों हंसते हुए एक दूसरे को गले लगाते हुए दिखे। कुलदीप ने बताया कि अश्विन ने तब क्या कहा था। गेंद को एक्सचेंज करने पर कुलदीप ने कहा, ‘ऐश भाई ने मुझे बताया कि मेरे पास 35 गेंदें हैं और मुझे इसे रखने के लिए कहा।’ दरअसल, अश्विन ने 35 बार टेस्ट में पारी में पांच विकेट लिए हैं और वह कुलदीप से इसी बारे में कह रहे थे।
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