नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर कांग्रेस (Congress) की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) (Central Election Committee (CEC) की पहली बैठक (First meeting) आज होगी। इसमें 130 से 150 सीटों पर विचार होगा। ये वो सीटें हैं, जिन पर राज्यों में कोई चुनावी गठबंधन नहीं है। उत्तराखंड, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड जैसे राज्यों के अलावा इनमें ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्य हैं, जहां पार्टी का किसी से कोई गठबंधन नहीं है।
दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (National President Mallikarjun Kharge), सोनिया गांधी, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। यह जानकारी पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने साझा की है। रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर राज्यों में उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग लगभग तय हो चुकी है।
राहुल अमेठी और वायनाड, प्रियंका रायबरेली से लड़ सकती हैं चुनाव
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनाव में अमेठी और वायनाड से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत कर सकती हैं। इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी ने इस पर काम शुरू कर दिया है। रायबरेली में प्रियंका के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें लिखा है- रायबरेली की पुकार, प्रियंका अबकी बार। अमेठी को लेकर भी लगातार बैठकों का दौर जारी है, जिसमें स्थानीय नेताओं के साथ केंद्रीय नेता भी यहां की चुनावी जमीन का आकलन कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद भावुक चिट्ठी लिखकर यहां के लोगों से परिवार के लिए उनका साथ मांगा था।
‘रोजगार के अधिकार’ का वादा कर सकती है कांग्रेस
देश के युवाओं को लुभाने की कोशिश में कांग्रेस पहली बार उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने पर ‘रोजगार का अधिकार’ प्रदान करेगी। कांग्रेस की घोषणापत्र समिति ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके आवास पर मिलकर घोषणापत्र के मसौदे की प्रति सौंपी। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति में शशि थरूर, के राजू, गुरदीप सप्पल और इमरान प्रतापगढ़ी सदस्य हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस घोषणापत्र में देश में पेपर लीक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानून और सजा का प्रस्ताव भी रखेगी और सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता लाने के उपाय भी सुझाएगी। कांग्रेस कार्य समिति की मंजूरी के बाद घोषणापत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा।
पांच न्याय पर जोर देगा घोषणापत्र…
सूत्रों ने बताया कि घोषणापत्र के मसौदे का जोर ‘पांच-न्याय’ (न्याय के पांच स्तंभ) पर है जिसका वादा कांग्रेस ने राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान किया था। घोषणापत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और सरकारी रिक्तियों को भरने के लिए देश में जाति आधारित जनगणना पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसमें समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करने जैसे कुछ कल्याणकारी उपायों पर भी जोर दिए जाने की संभावना है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें न्याय मिले और वे सरकार की कल्याणकारी कदमों का हिस्सा बनें।
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