इन्दौर। वार्ड क्रमांक 44 की पार्षद निशा देवलिया का निर्वाचन शून्य रहता है तो भाजपा के एक झोन अध्यक्ष को भी हटाया जा सकता है, क्योंकि इस झोन पर भाजपा अल्पमत में आने और कांग्रेस का एक पार्षद बढ़ जाने के बाद कांग्रेस के पार्षद का झोन अध्यक्ष बनना तय है। शनिवार को कोर्ट के निर्णय के बाद कांग्रेस नेता पिंटू मिश्रा ने बताया था कि उनकी पत्नी नंदिनी मिश्रा को न्यायालय ने पार्षद घोषित कर दिया है और निशा देवलिया का चुनाव शून्य घोषित कर दिया गया। हालांकि देर शाम फैसला होने के कारण उसके निर्णय की कापी किसी को भी नहीं मिल पाई। आज कोर्ट खुलते ही कापी मिलेगी। वैसे भाजपा पार्षद ने उच्च न्यायालय जाने की बात कही है, लेकिन अगर कोर्ट का फैसला कायम रहता है तो पंचम की फैल का 9 नंबर झोन प्रभावित हो सकता है। इस झोन पर भाजपा पार्षद लालबहादुर वर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है। 5 वार्डों को इस झोन में शामिल किया गया है। अभी तक इस झोन में वर्तमान में दो पार्षद कांग्रेस के और तीन पार्षद भाजपा के हैं, जिनमें भाजपा के लालबहादुर वर्मा, एमआईसी सदस्य नंदकिशोर पहाडिय़ा और निशा देवलिया और कांग्रेस की सोनिला मिमरोट, सैफू वर्मा हंै। अगर कोर्ट का फैसला कायम रहता है तो यहां कांग्रेस के तीन पार्षद हो जाएंगे और उनका इस झोन पर बहुमत होगा और भाजपा के दो पार्षद ही रह जाएंगे, इसलिए झोन अध्यक्ष कांग्रेस का बन सकता है। अभी तक इस संबंध में कांग्रेस पार्षद दल ने अपनी रणनीति स्पष्ट नहीं की है और सभी कोर्ट के फैसले की कापी का इंतजार कर रहे हैं। वहीं नंदिनी मिश्रा का कहना है कि फैसले की कापी पढऩे के बाद आगे क्या करना है तय किया जाएगा।
महापौर ने कहा-फैसले की कापी पढऩे के बाद लेंगे निर्णय, हाईकोर्ट से मांगेेंगे न्याय
वार्ड क्रमांक 44 को लेकर जो अप्रत्याशित फैसला आया है, उससे भाजपा का पार्षद दल भी हैरान है। हालांकि इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाने की बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी कर चुके हैं। निशा देवलिया के पति और भाजपा नेता रूपेश देवलिया ने इस संबंध में वरिष्ठ नेताओं से भी बात की। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मामले में कहा कि वे कोर्ट के फैसले की कापी देखेंगे और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे। वैसे हाईकोर्ट के द्वार उनके लिए खुले हैं और इस मामले में स्टे लिया जाएगा। आज भाजपा तय करेगी कि इस संबंध में आगे क्या निर्णय करना है। कल रविवार होने के कारण कोर्ट के फैसले की कापी नहीं मिल पाई। बताया जा रहा है कि फैसला करीब 38 पेजों में है, जिसके बारे में विधि विशेषज्ञों से भी राय ली जाएगी। आज महापौर जबलपुर में हैं। शाम को वे इंदौर लौटेंगे, उसके बाद ही आगे का फैसला होगा।
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