नई दिल्ली: गूगल (Google) से बेहतर वेतन और भत्तों की मांग करना यूट्यूब म्यूजिक (YouTube Music) टीम को भारी पड़ गया है. गूगल ने 43 कांट्रेक्टर वर्क्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इन सभी को गूगल के लिए कॉग्जिनेंट ने हायर किया था. वहीं, कर्मचारियों को निकालने पर गूगल का कहना है कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और कॉग्जिनेंट ने ही यह सब किया धरा है.
मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में यूट्यूब डाटा एनालिस्ट जेक बेंडिक्ट अमेरिका की ऑस्टिन सिटी काउंसिल से गूगल के साथ उनकी यूनियन की नेगोशिएशन को आगे बढ़ाने का आग्रह करा रहे है. बेंडिक्ट का आरोप है कि उसे और 43 अन्य लोगों को गूगल ने बिना कोई नोटिस दिए तत्काल नौकरी से निकाल दिया है. उनका कहना है कि गूगल के इस फैसले से वे स्तब्ध हैं.
बेहतर वेतन मांगने की मिली सजा
गूगल और कॉग्निजेंट, दोनों द्वारा ही यूट्यूब म्यूजिक के लिए कांट्रेक्ट पर रखे गए कर्मचारियों ने कुछ महीने पहले इक्ट्ठा होकर बेहतर वेतन, भत्ते और ऑफिस आने के लिए लचीले नियम बनाने की मांग की थी. तब भी गूगल ने कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत से साफ इंकार कर दिया था. गूगल का कहना था कि वे कंपनी के कर्मचारी नहीं है. इसलिए उनसे बात नहीं की जा सकती.
एनएलआरबी (राष्ट्रीय श्रम संबंध बोर्ड) ने यूट्यूब म्यूजिक श्रमिकों के साथ बातचीत करने से Google के इनकार को अवैध माना था. साथ ही एक नया नियम भी बनाया था जिससे कंपनियों के लिए तीसरे पक्ष द्वारा मुहैया कराए गए कर्मचारियों की मांगों को अस्वीकार करना मुश्किल हो गया है.
बेघर हो जाएंगे कर्मचारी
गूगल द्वारा काम से निकाले गए कई कर्मचारियों का कहना है कि अचानक नौकरी जाने से उनके सामने कई संकट खड़े हो गए हैं. कुछ कर्मचारी तो पैसा न होने की वजह से किराया नहीं चुका पाएंगे. इससे उनके बेघर होने का खतरा पैदा हो गया है. कर्मचारियों का कहना है कि गूगल ने उन्हें अपना हक मांगने की सलाह दी है.
क्या कहना है गूगल का?
द वर्ज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरे मामले पर गूगल का कहना है कि कर्मचारियों को निकालने जैसी कोई बात नहीं है. एक ई-मेल में कंपनी ने लिखा, “पूरे देश में हमारे सप्लायर्स के साथ हमारा कांट्रेक्ट नियमित रूप से निर्धारित तिथि को समाप्त होते हैं.” कॉग्जिनेंट ने भी कहा है कि कांट्रेक्ट ‘नेचुरली’ समाप्त हुआ है.
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