इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) (Pakistan Occupied Kashmir (POK) के निर्वासित मानवाधिकार कार्यकर्ता (Exiled human rights activist) अमजद अयूब मिर्जा (Amjad Ayub Mirza) ने पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शरीफ ने पीओके के बारे में झूठ बोला है। उन्होंने पाकिस्तानी पीएम को आईना दिखाया है। उन्होंने कहा कि शरीफ कश्मीर के बारे में तथ्यात्मक रूप से गलत दावे कर रहे हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pakistan occupied Kashmir) में मानवीय संकट (humanitarian crisis) है, शरीफ में इस तथ्य को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है। बता दें, रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद शहबाज शरीफ ने कश्मीर राग अलाप दिया, जिसके बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता का बयान सामने आया।
पाकिस्तान वाले कश्मीर के हालात बद से बदतर
निर्वासित कार्यकर्ता ने स्कॉटलैंड से एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा की। वीडियो के माध्यम से ही उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की आलोचना की। उन्होंने वीडियो में कहा कि पाकिस्तान वाले कश्मीर के लोग बड़े पैमाने में भूख से मर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों को हर महीने वेतन नहीं मिल पा रहा है। पेंशनभोगी एक साल से अपनी पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को भुगतान नहीं हो रहा है। अस्पतालों में दवाएं नहीं है। अस्पतालों में कुत्ते काटने तक का टीका नहीं है। कश्मीर में ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र तो छोड़ों ग्रामीणों की जरूरत के लिए डिस्पेंसर तक नहीं है। कश्मीर की शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त है। विश्व का एक भी ऐसा देश नहीं है, जो पाकिस्तानी डिग्री को मान्यता देता हो। हालत वहां की इतनी गंभीर है कि वहां के लोगों को सरकार को अपनी हालात बताने के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है। पांच मार्च को सड़कों पर विरोध में मार्च निकाला जाएगा।
कश्मीरियों का दमन कर रही पाकिस्तानी सेना
मिर्जा ने कहा कि पाकिस्तानी कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान की हालत हद से अधिक बदतर है। लेकिन प्रधानमंत्री के पास इतनी हिम्मत नहीं है कि वह उनकी दुर्गतियों की पहचान कर सकें। उन पर बोल सकें। उनका दावा है कि शरीफ सरकार पीओके के लोगों के वास्तविक हितों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती। शरीफ में बिजली बहिष्कार अभियान के बारे में कहने की हिम्मत नहीं है। गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों की भूखमरी पर बोलने की हिम्मत नहीं हैं। गेहूं-चावल के आकाल पर बोलने की हिम्मत नहीं है। गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग 76 वर्षों से पाकिस्तानी सेना के कारण दबे हुए हैं। उनका शोषण हो रहा है।
अब जानिए, सदन में क्या बोले पीएम शरीफ
शहबाज शरीफ ने रविवार को संसद में कहा था कि उनकी सरकार का मकसद पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्तों को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि समानता के आधार पर वे संबंधों को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। उनकी सरकार दोस्तों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देगी। सदन के नेता चुने जाने के बाद शहबाज कश्मीर का राग अलापने से भी नहीं चूके। उन्होंने कश्मीर मुद्दे के साथ-साथ पश्चिम एशिया में फलस्तीन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान फलस्तीन के साथ है। शहबाज ने आह्वान किया, ‘आइए हम सब एकजुट होकर नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फलस्तीनियों की आजादी के लिए एक प्रस्ताव पारित करें।’ उन्होंने गठबंधन सरकार में शामिल सहयोगियों को उन पर भरोसा दिखाने और पीएम / सदन का नेता चुनने के लिए धन्यवाद भी दिया।
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