इंदौर। इंदौर के वार्ड 44 की भाजपा पार्षद (BJP councilor of Ward 44 of Indore) निशा देवलिया का निर्वाचन जिला कोर्ट ने शून्य (Nisha Devalia’s election void) कर दिया है। चुनाव के दौरान शपथ पत्र में निशा की तरफ से गलत जानकारी (Wrong information in the affidavit) प्रस्तुत की गई थी। उसे आधार मानते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया। निशा के खिलाफ याचिका उनके सामने चुनाव लड़ी कांग्रेस की उम्मीदवार नंदनी पिंटू मिश्रा ने दायर की थी। नंदनी को विजयी घोषित किया गया है।
डेढ़ साल पहले हुए नगर निगम चुनाव में इंदौर के पांच नंबर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 44 से भाजपा ने निशा देवलिया को टिकट दिया था। निशा पहले भी उस वार्ड से पार्षद रह चुकी है। कांग्रेस की तरफ से नंदनी पिंटू मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया था। चुनाव में नंदनी 1026 वोटों से हार गई। इसके बाद उन्होंने निशा देवलिया के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान सौंपे गए शपत्र पत्र में गलत जानकारी प्रस्तुत करने के मामले में जिला कोर्ट में याचिका लगाई।
याचिकाकर्ता ने कह कि शपत्र पत्र में 200 वर्गफीट के टीन शेड के मकान की जानकारी दी गई है। संपति्तकर भी उसके हिसाब से भरा जाता है, लेकिन मकान 1600 वर्गफीट का है और रजिस्ट्री में भी इतना एरिया दिखाया गया है। इस आधार पर कोर्ट ने भाजपा पार्षद निशा देवलिया का निर्वाचन शून्य घोषित किया है।
कोर्ट ने निशा देवलिया का निर्वाचन शून्य किया है। उनके पति रुपेश देवलिया ने दस साल पहले भाजपा के बागी उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ा था। तब वे चुनाव जीत गए थे। भाजपा ने तब उन्हें पार्टी से छह सालों के लिए निष्कासित किया था, लेकिन बाद में उन्हें फिर पार्टी में ले लिया था। पिछले चुनाव में भाजपा ने उनकी पत्नी को टिकट दिया था।
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