नई दिल्ली: अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों की सेना यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बड़े हमले कर रही है. यमन की राजधानी सना में हूती ठिकानों को निशाना बना कर यह सब हमले किए गए. ऐसे में भारतीय नौसेना भी हूती विद्रोहियों और सोमाली समुद्री लुटेरों से निपटने को लेकर पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. इनके लगातार हमलों के बीच नौसेना ने अरब सागर और अदन की खाड़ी में जंगी जहाजों के बेड़े की तैनाती कर दी है. साथ ही हवाई क्षेत्र में भी अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्री लुटरों से निपटने के लिए नौसेना की ओर से अरब सागर और अदन की खाड़ी में 10-12 फ्रंटलाइन के युद्धपोत तैनात किए हैं. नौसेना समुद्र में होने वाली हर छोटी बड़ी गतिविधि को लेकर पूरी तरह से सतर्क है.
हवाई क्षेत्र में सुरक्षा और गश्त को किया मजबूत
भारतीय नौसेना ने सोमवार (26 फरवरी) को कहा कि किसी भी तरह के समुद्री खतरे का मुकाबला करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. समुद्री लुटेरों और डकैतों से निपटने के लिए सुरक्षा स्थिति को और मजबूत करने के लिहाज से अरब सागर में लगातार एंटी पासरेसी ऑपरेशंस के लिए सी-130 सुपर हरक्यूलिस विमान से विशिष्ट समुद्री कमांडो (मार्कोस) और इन्फ्लेटेबल क्राफ्ट को क्षेत्र में उतारा गया है. इसके जरिए हवाई क्षेत्र में सुरक्षा और गश्त को मजबूत किया जा सकेगा. साथ ही समुद्री डकैती के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी.
भारतीय युद्धपोतों पर पहले से मार्कोस की टुकड़ियां
खास बात यह है कि इस क्षेत्र में सभी भारतीय युद्धपोतों पर पहले से ही विशिष्ट समुद्री कमांडो (मार्कोस) की टुकड़ियां ‘मिशन तैनात’ के रूप में मौजूद हैं. वहीं अब अपने हथियारों और खास सामग्री से लैस अतिरिक्त मार्कोस के शामिल होने से इस ऑपरेशन का संचालन और मजबूत होगा.
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