इंदौर। प्रदेश का सबसे बड़ा इंदौर शहर तेजी से क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से बढ़ता ही जा रहा है। इसकी एक झलक इस बात से देखी जा सकती है कि बीते 11 महीने में इंदौर जिले में तकरीबन 48 हजार नए बिजली उपभोक्ता जुड़े हैं, जो इतने ही समय में मालवा-निमाड़ के कुल नए उपभोक्ताओं की संख्या का 40 फीसदी है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए हालात ऐसे हैं कि आने वाले 1 साल में नए बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में और ज्यादा बढ़ोतरी होना तय है।
इंदौर बिजली कंपनी मालवा-निमाड़ में विद्युत सेवाएं उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराती है। अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 तक नए सर्विस कनेक्शन प्राथमिकता से प्रदान किए गए हंै। अब तक सवा लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष समाप्त होने, यानी मार्च तक करीब डेढ़ लाख नए सर्विस कनेक्शन का अनुमान है। प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि जारी वित्तीय वर्ष के दौरान सबसे ज्यादा इंदौर जिले में तकरीबन 48000 बिजली कनेक्शन की संख्या पहुंच रही है। इसमें से शहर में 32000 के करीब एवं देहात में 15800 कनेक्शन शामिल हैं।
तोमर ने बताया कि नए कनेक्शन की मांग में उज्जैन जिला दूसरे स्थान पर तेरह हजार, खरगोन जिला तीसरे स्थान पर आठ हजार चार सौ, रतलाम जिला चौथे स्थान पर साढ़े सात हजार, धार जिला पांचवें स्थान पर साढ़े सात हजार, मंदसौर छठे स्थान पर छह हजार तीन सौ, देवास जिला कंपनी में सातवें स्थान पर छह हजार दो सौ नए कनेक्शन के साथ रहा। अन्य जिलों में भी सवा दो हजार से पांच हजार नए कनेक्शन मांग के अनुरूप जारी वित्तीय वर्ष के दौरान समय पर प्रदान किए गए हैं। बिजली कंपनी का दावा है कि यथासंभव तीन दिन में कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। ऑनलाइन, 1912, ऊर्जस ऐप, पोर्टल आदि माध्यमों से नए कनेक्शन तेजी से दिए जा रहे हैं।
दिक्कत अभी भी बरकरार… बिचौलिए सक्रिय
उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी तीन दिन में नया कनेक्शन देने का दावा तो कर रही है, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया और सर्वर डाउन मिलने से झोन के कर्मचारी आवेदक को डॉक्यूमेंट कम होने की जानकारी के साथ रिजेक्ट कर देते हैं, जिससे कि पेंडिंग आवेदनों की संख्या नगण्य हो जाती है। इस बात से इंजीनियर और अधिकारी भी अवगत तो हैं, लेकिन मानने को तैयार नहीं कि इस प्रकार की समस्या है। वहीं उपभोक्ता परेशान होकर बिचौलियों के चक्कर में अपने को ठगा-सा महसूस करता है।
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