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    500 करोड़ 31 दिनों में कमाना पड़ेंगे रजिस्ट्रियों से तब होगी लक्ष्य पूर्ति

  • March 01, 2024

    10 साल में चार गुना तक बढ़ गया राजस्व, नई गाइड लाइन की कवायद भी जारी, अब तीन अगस्त तक दावे-आपत्तियां, सुझाव मंगवाए

    इंदौर। अचल सम्पत्तियों की रजिस्ट्रियों से पंजीयन विभाग (Registration Department) ने अभी कल 29 फरवरी तक 2045 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित कर लिया है। हालांकि लक्ष्य की पूर्ति के लिए अब 31 मार्च यानी पूरे 1 माह में 500 करोड़ रुपए हासिल करना पड़ेंगे, जो मुश्किल लग रहे हैं। इस दौरान 1 लाख 53 हजार 600 से अधिक दस्तावेज भी पंजीबद्ध हो गए हैं। वहीं आगामी वित्त वर्ष की जो प्रस्तावित गाइडलाइन की गई है। उसमें दावे-आपत्ति और सुझाव की तारीख भी 3 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। 2000 से अधिक क्षेत्रों में गाइडलाइन (guideline) बढ़ाने की अनुशंसा की गई है। हालांकि अंतिम निर्णय शासन स्तर पर होना है। बीते 10 सालों में 4 गुना तक राजस्व बढ़ गया है। शहर में तो चूंकि जमीन उपलब्ध नहीं है, लिहाजा आसपास के तमाम गांवों में खरीदी-बिक्री ही सबसे अधिक है।


    वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा (Senior District Registrar Deepak Kumar Sharma) के मुताबिक रजिस्ट्रियों की संख्या फिलहाल अच्छी है। औसतन 600 से अधिक दस्तावेज पंजीबद्ध हो रहे हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव के कारण थोड़ा असर पड़ा। वहीं अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगेगी। हालांकि रजिस्ट्रियों पर कोई रोक इस दौरान नहीं रहती। मगर फिर भी खरीद-फरोख्त पर थोड़ा असर पड़ता है। अभी 15 फीसदी गत वर्ष की तुलना में राजस्व अधिक अर्जित किया गया है। शासन ने लेकिन इस बार 22 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी का लक्ष्य दे दिया है। 2540 करोड़ रुपए का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में पूर्ण किया जाना है, जिसमें से अभी तक 2045 करोड़ रुपए हासिल किए जा चुके हैं, लेकिन अभी 495 यानी लगभग 500 करोड़ रुपए की राशि 31 मार्च तक हासिल की जाना है, तब ही लक्ष्य की पूर्ति हो सकेगी। यानी इससे लिए 22 फीसदी से अधिक राजस्व वृद्धि जरूरी है। बीते 10 सालों में हालांकि पंजीयन विभाग की आय में लगातार इजाफा हुआ है। 2013-14 में जहां लगभग 700 करोड़ रुपए का राजस्व ही मिलता था, तो अब यह आंकड़ा 2000 करोड़ पार हो चुका है। वहीं दस्तावेजों यानी रजिस्ट्रियों की संख्या में भी तीन गुना तक वृद्धि हो गई है। 10 साल पहले जहां 78 हजार दस्तावेज पंजीबद्ध होते थे, तो अब यह संख्या डेढ़ लाख से दो लाख के बीच हो गई है। शासन ने आगामी वित्त वर्ष के लिए गाइडलाइन की प्रक्रिया शुरू करवाई है। इंदौर जिले में लगभग 5 हजार लोकेशन है, जिनमें से 2000 ऐसी चिन्हित की गई है जहां पर इस वित्त वर्ष में सबसे अधिक रजिस्ट्रियां हुईं। पिछले दिनों जिला मूल्यांकन समिति की जो बैठक कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई उसमें प्रस्तावित गाइडलाइन की दरों पर वृद्धि के लिए 29 फरवरी तक सुझाव बुलाए गए थे। मगर अब इसे 3 मार्च तक बढ़ा दिया है। हालांकि यह भी गड़बड़ी सामने आई कि आपत्ति-सुझाव के लिए उप पंजीयक कार्यालयों पर प्रस्तावित गाइडलाइन की कोई जानकारी ही चस्पा नहीं की गई, जिसके चलते कलेक्टर ने भी नाराजगी जाहिर की और फिर अब 3 अगस्त तक का समय बढ़ा गया है।

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